गुरुवार को सुबह 10 बजे ऋत्विक सम्मेलन शुरू हुआ. यह लगभग दो घंटे तक चला. इसमें देश के अधिकांश प्रांतों से आये ऋत्विकों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन में तीन माह के कार्यों को रखा गया. इसमें सतसंग की ओर से चलाये जा रहे सभी धार्मिक व सामाजिक कार्यों पर चर्चा हुई. कार्यों में और बेतहर कार्य करने की बात कही गयी.
सतसंग आनेवाले गुरु-भाइयों को अधिक से अधिक सुविधा मुहैया कराने पर विचार-विमर्श किया गया. ऋत्विकों ने खुल कर अपने-अपने विचार रखे. सतसंग में सर्वसम्मति से विकास कार्य को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया. अंत में श्रीश्री आचार्य देव ने अपने संबोधन में कहा कि सम्मेलन सफल रहा. ऋत्विकों ने अपने कार्यों में और तेजी लाने का निर्णय लिया है. सुधार व विकास की गाड़ी एक साथ चलती रहेगी.