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उदासीनता: अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सीय व्यवस्था बदहाल, बढ़ते जा रहे मरीज, घटे चिकित्सक

बलराम भैयाअनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की तादाद में जिस तेजी से बढ़ोतरी हुई है उस अनुरुप चिकित्सक नहीं हैं. जिस कारण मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. मरीजों के लिए निजी अस्पताल व क्लिनिक में इलाज कराना मजबूरी बन गयी है. जहां इलाज कराने में मरीज के […]

बलराम भैया
अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की तादाद में जिस तेजी से बढ़ोतरी हुई है उस अनुरुप चिकित्सक नहीं हैं. जिस कारण मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. मरीजों के लिए निजी अस्पताल व क्लिनिक में इलाज कराना मजबूरी बन गयी है. जहां इलाज कराने में मरीज के परिजनों को भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ती है.
अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सक तो पदस्थापित कर दिये गये लेकिन इनमें सात चिकित्सकों वर्तमान में दूसरी जगह प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. प्रतिनियुक्त चिकित्सकों को वेतन भी मधुपुर से ही मिल रहा है. अस्पताल में डेंटल चिकित्सक व आयुष चिकित्सक भी हैं डेंटल का ओपीडी अब तक नहीं चल रहा है. वहीं अस्पताल में लंबे समय से महिला चिकित्सक नहीं है. जिस कारण एएनएम या पुरुष चिकित्सकों के भरोसे प्रसव कार्य हो रहा है. अस्पताल में कुपोषण उपचार केंद्र तो कार्यरत है, लेकिन महीनों से शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. अनुमंडलीय अस्पताल में भवन व संसाधन तो बढ़ा दिये गये पर चिकित्सकों की कमी के कारण इसका फायदा मरीजों को नहीं मिल पा रहा.
सात चिकित्सक दूसरी जगह प्रतिनियुक्त
30 शय्या वाले अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सक के 9 पद सृजित हैं. सात चिकित्सक पदस्थापित किये गये हैं. इनमें से तीप चिकित्सक लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर देवघर व पालोजोरी में बने हुए है. वहीं अनुमंडलीय अस्पताल के साथ चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार चिकित्सक का पद सृजित है. सभी पदों के लिए चिकित्सक तो पदस्थापित हैं. लेकिन इनमें भी तीन प्रतिनियुक्ति पर हैं. एनआरएचएम से भी दो चिकित्सक अस्पताल में पदस्थापित हैं. इनमें एक प्रतिनियुक्ति पर है. जानकारी के अनुसार, सरकार के नियमानुसार किसी भी चिकित्सक को दूसरी जगह केवल छह माह के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजने का प्रावधान है. लेकिन अस्पताल के कई चिकित्सकों को तीन-चार वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है. इसके अलावे बुढैय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डा ओम प्रकाश व डा अनिल कुमार देवघर में प्रतिनियुक्त हैं. जिस कारण बिना चिकित्सक के ही बुढैय स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. डा प्रियंका व डा दिवाकांत एनआरएचएम द्वारा अलग से मधुपुर अस्पताल में प्रतिनियुक्त हैं.
साल दर साल बढ़े मरीज
वर्ष 2013-14 में 2426 महिलाओं का प्रसव है. वहीं 2014-15 में 2678 महिलाओं का प्रसव अस्पताल में हुआ. 2015-16 में 2249 महिलाओं का प्रसव हुआ. जबकि 2016-17 में अप्रैल से अगस्त तक 1075 का प्रसव हुआ.
ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा
वर्ष 2013-14 में 26 हजार 555 रोगी का इलाज हुआ. वर्ष 2014-15 में 31 हजार 396 रोगी का इलाज हुआ. 2015-16 में 29 हजार 295 रोगी का इलाज हुआ. वहीं 2016-17 में अप्रैल से अगस्त तक 12 हजार 145 रोगी का इलाज ओपीडी में हुआ.
बंध्याकरण में आयी कमी
वर्ष 2013-14 में 1071, वर्ष 2014-15 में 853 व वर्ष 2015-16 1009 का बंध्याकरण हुआ. 2016-17 अब तक सिर्फ छह बंध्याकरण हुआ.
अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सकों की स्थिति
डा मनोज हेंब्रम मधुपुर अस्पताल
डा कलावरी उरांव मधुपुर अस्पताल
डा मो शाहिद मधुपुर अस्पताल
डा परमजीत कौर देवघर में प्रतिनियुक्त
डा लियाकत अंसारी पालोजोरी में प्रतिनियुक्त
डा विकास कुमार देवघर प्रतिनियुक्त
डा सुनील मरांडी उपाधीक्षक मधुपुर अस्पताल
डा एनी एलिजाबेथ टुडू पालोजोरी में प्रतिनियुक्त
डा मनीष कुमार लाल देवघर में प्रतिनियुक्त
डा दिवाकर पासवान देवघर में प्रतिनियुक्त
डा प्रियंका देवघर में प्रतिनियुक्त
डेंटल चिकित्सक
डा. नीलकमल भारद्वाज-मधुपुर में
आयुष चिकित्सक
डा दिवाकांत पंकज: मधुपुर में

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