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छात्र लैब अॉन व्हील में करेंगे प्रैक्टिकल

देवघर : अब विज्ञान के छात्रों की प्रैक्टिकल के लिए लैब से महरूम नहीं होना पड़ेगा. जिला प्रशासन जल्द ही छात्रों को चलंत लैब(लैब अॉन व्हील) की सुविधा शुरू करने जा रही है. इस लैब के निर्माण में 5-6 लाख रूपये की लागत आने की संभावना है. योजना को धरातल पर उतारने के लिए सीएसआर […]

देवघर : अब विज्ञान के छात्रों की प्रैक्टिकल के लिए लैब से महरूम नहीं होना पड़ेगा. जिला प्रशासन जल्द ही छात्रों को चलंत लैब(लैब अॉन व्हील) की सुविधा शुरू करने जा रही है. इस लैब के निर्माण में 5-6 लाख रूपये की लागत आने की संभावना है. योजना को धरातल पर उतारने के लिए सीएसआर के तहत फंड के जरिये वैन में विज्ञान के तीनों विषयों के प्रैक्टिकल से जुड़े संसाधन(उपकरण, केमिकल व डेमोनेस्ट्रेटर) उपलब्ध कराये जायेंगे.

पहले चरण में वैन को संचालित करने के लिए लैब के रूप में विकसित होने वाली वाहन किराये पर ली जायेगी. जिन स्कूलों में प्रैक्टिकल की आवश्यकता होगी. वहां का स्कूल प्रबंधन वाहन का किराया भुगतान करेगा. इस लैब में एक साथ 16 छात्र-छात्राएं एक साथ प्रैक्टिकल कर सकेंगे. जिन्हें विज्ञान के अनुभवी शिक्षक निर्देशित करेंगे. इससे बच्चों को विज्ञान से संबंधित प्रैक्टिकल जानकारी बढ़ेगी अौर सरकारी छात्र-छात्राएं भी निजी स्कूलों की तरह विज्ञान के विषय में बेहतर परिणाम दे सकेंगे. जो आगे चल कर अपना बेहतर भविष्य बना सकेंगे. जरूरत पड़ने पर चलंत लैब की संख्या बढ़ायी जायेगी.

साइंस के अधिकांश छात्रों को बेसिक जानकारी तक नहीं
आम तौर पर सरकारी स्कूलों में(10वीं व प्लस टू) लैबोरेट्री के नाम पर खानपूर्ति होती है. जिले के चुनिंदा कुछ स्कूलों में लैबोरेट्री व संसाधन की सुविधा मौजूद है. मगर अधिकांश लैब में प्रैक्टिकल पढ़ाई के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ-साथ रसायनिक तत्व मौजूद नहीं है. किसी स्कूल में केमिकल खत्म है तो किसी स्कूल में उपकरण बिखरे पड़े रहते हैं. इससे जिला मुख्यालय के कुछ स्कूलों को छोड़े शेष सभी हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों के विज्ञान(भौतिकी, रसायन, बॉयोलोजी)के छात्रों को प्रैक्टिकल की बेसिक जानकारी तक नहीं है. ऐसे में छात्रों के भविष्य को देखते हुए जिला प्रशासन की अोर से डीसी अरवा राजकमल ने पहल करते हुए इस तरह का अनूठा प्रयास किया है.
16 स्कूलों का शेड्यूल तैयार : लैब में प्रैक्टिकल के लिए शेड्यूल तैयार हो गया है. इसमें पहले चरण में 16 स्कूलों का चयन किया गया है. इन स्कूलों में आठ कस्तूरबा आवासीय व अाठ सामान्य हाइ स्कूल होंगे. दशहरे की छुट्टी के बाद यानि अक्तूबर माह के दूसरे सप्ताह से यह वैन जिले के सभी हाइस्कूलों के छात्रों के लिए बारी-बारी से भ्रमण करेगी.
कहते हैं उपायुक्त
जिले के विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्रों को विषयवार( भौतिकी, रसायन व जीव विज्ञान) प्रैक्टिकल की सुविधा मुहैया कराने के लिए लैब अॉन व्हील की सुविधा प्रदान की जायेगी. इसके लिए सीएसआर फंड से 5-6 लाख की लागत आने की संभावना है. फिलहाल 16 स्कूलों का शेड्यूल तैयार किया गया है, जहां अक्तूबर के दूसरे सप्ताह से यह सुविधा मुहैया करायी जायेगी. फिलहाल लैब में हर विषय से संबंधित आइटम की सूची तैयार की जा रही है.
– अरवा राजकमल, डीसी, देवघर

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