देवघर: स्वास्थ्य विभाग में ईंधन प्रकरण गरमाता जा रहा है. सिविल सजर्न ने कार्रवाई नहीं की है. उल्टे प्रशिक्षु आइएएस डॉ भुवनेश प्रताप सिंह की जांच रिपोर्ट पर उंगली उठायी है. सोमवार को सीएस ने प्रभात खबर को दूरभाष पर बताया कि प्रशिक्षु आइएएस की रिपोर्ट गलत है. क्योंकि मोबाइल मेडिकल वैन यूनिट के मात्र 150 लीटर ईंधन की खपत ही लॉग बुक में दिखायी गयी है. तीन बार कर 50-50 लीटर ईंधन भरवाया गया है. जबकि श्री सिंह ने अपनी रिपोर्ट में 1050 लीटर ईंधन खपत करने की रिपोर्ट दिखायी है. इस संदर्भ में प्रशिक्षु आइएएस से पूछे जाने पर बताया कि रिपोर्ट बिल्कुल सही है. जब गाड़ी में लगे उपकरण खराब हैं. गाड़ी देखने से लग रहा था कि कई माह से नहीं चला है. पूरा कबाड़ खाना बना हुआ था तो किस आधार पर ईंधन खर्च को दिखाया गया. यह पूरा राशि गबन का मामला है.
क्या था मामला : हाल में कहीं जाने के क्रम में प्रशिक्षु आइएएस ने अपनी शारीरिक जांच के लिए मोबाइल मेडिकल वैन यूनिट पहुंचे. पता चला कि उसमें लगा उपकरण खराब है. एक्सरे, इसीजी व अन्य लगे उपकरण खराब थे. उसके बाद उसका लॉग बुक चेक किया. उसमें डेढ़ माह में 1050 लीटर ईंधन के बदले 57750 रुपये की राशि की खपत दिखायी गयी थी. इसी मामले में आइएएस ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया कि जब गाड़ी चली नहीं, उपकरण खराब थे तो कैसे 1050 लीटर ईंधन का खर्च दिखाया गया.
ईंधन की संख्या के कालाजादू में फंसी रिपोर्ट : माना कि प्रशिक्षु आइएएस झूठ बोल रहे हैं. 150 लीटर ईंधन की चोरी, चोरी नहीं है. आइएएस के रिपोर्ट के अनुसार 1050 लीटर ईंधन बंद गाड़ी पीता रहा, लेकिन 1050 लीटर ईंधन, 150 लीटर के रूप में कैसे बदल गया. ये लगता है कि संख्या के कालाजादू में फंस गया है. सिविल सजर्न कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. बल्कि दलील दे रहे हैं कि 150 लीटर ईंधन की खपत हुई है.