देवघर : झारखंड गठन के बाद वर्ष 2007 में पहली बार सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार छात्र संघ का चुनाव कराया गया था. कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर लगातार दो टर्म चुनाव हुआ. चुनाव में जीत दर्ज करने वाले छात्रों ने विद्यार्थियों की […]
देवघर : झारखंड गठन के बाद वर्ष 2007 में पहली बार सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार छात्र संघ का चुनाव कराया गया था. कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर लगातार दो टर्म चुनाव हुआ. चुनाव में जीत दर्ज करने वाले छात्रों ने विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर लगातार आवाज भी बुलंद किया.
हालात में काफी बदलाव भी आया. विद्यार्थियों को उम्मीद होने लगी थी कि कॉलेजों का उतरोत्तर विकास होगा. बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हुए कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई संभव हो पायेगी. लेकिन, लगातार चुनाव के नाम पर आश्वासन मिलने से विकास का ग्राफ तेजी से गिरता चला गया. आज हालात यह है कि छात्रों की समस्याओं के प्रति न तो कॉलेज प्रशासन न ही विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर है.
कुछ छात्र संगठन को छोड़ दें तो कोई भी संगठन छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. वर्ष 2007 में जब पहली बार कॉलेजों एवं स्नातकोत्तर विभागों में प्रत्यक्ष रूप से चुनाव हुआ था तो चुनाव मैदान में उतरने वाले सभी प्रत्याशियों को किसी न किसी राजनीतिक पार्टियों का प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से समर्थन प्राप्त था. चुनाव मैदान में मुख्य रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एनएसयूआइ, आजसू, झारखंड छात्र मोरचा, झारखंड विकास छात्र मोरचा, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी-मूलवासी छात्र गंठबंधन, अनुसूचित जाति छात्र संघ, झारखंड छात्र जन मोरचा आदि संगठनों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनाव में जीत दिलाने की पूरजोर मशक्कत किया था.
55 फीसदी उपस्थिति पूरा करने वाले लड़े थे चुनाव
परीक्षा फॉर्म भरने के लिए वर्ग कक्ष में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है. लेकिन, चुनाव में खड़ा होने वाले छात्र प्रत्याशियों के लिए 55 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य किया गया था. यही वजह था कि चुनाव मैदान में छात्रों की भागीदारी बढ़ी थी. सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के कुलपति की अध्यक्षता में चुनाव कोर कमेटी सुचारू रूप से काम कर रहा था.