देवघर : राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा पर झारखंड सरकार ने ब्रेक लगा दिया है. दरअसल बीपीएल व मनरेगा से जुड़े लाभुक परिवारों का स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा कार्ड बनाया था. उसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गयी. इस कारण अब लाभुक परिवारों का नि:शुल्क 30 हजार रुपये तक का इलाज […]
देवघर : राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा पर झारखंड सरकार ने ब्रेक लगा दिया है. दरअसल बीपीएल व मनरेगा से जुड़े लाभुक परिवारों का स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा कार्ड बनाया था.
उसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गयी. इस कारण अब लाभुक परिवारों का नि:शुल्क 30 हजार रुपये तक का इलाज नहीं हो सकेगा. इससे गरीब तबके के मरीजों के समक्ष आर्थिक परेशानी खड़ी हो गयी है. वहीं सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों के संचालकों की भी परेशानी खड़ी हो गयी है.
उन्हें रोजाना ग्रामीण क्षेत्र के मरीज व उनके परिजनों से बकझक करने को मजबूर होना पड़ रहा है. जबकि सरकार की अोर से तीन दिन पूर्व 30 सितंबर से कार्ड के एक्सटेंशन पर रोक लगा दी गयी है. उससे छह माह पूर्व 31 मार्च को समय सीमा समाप्त होता देख राज्य सरकार ने छह माह (30 सितंबर) तक का एक्सटेंशन दिया था.
फिलहाल रिन्युअल के अभाव में कार्ड की वेलिडिटी समाप्त हो गयी है. उल्लेखनीय है कि राज्य में वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाखों लोगों का बीमा कार्ड बना था. बीमा कंपनी चोलामंडलम के जिला समन्वयक प्रणव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत देवघर जिले में 78,500 लोगों का बीमा कार्ड बनवाया था.
एक्सटेंशन के अभाव में प्रतिदिन हो रही है समस्या
रविवार को ही शहर के निजी क्लीनिक मेधा सेवा सदन में बीमा योजना के लाभूकों ने उस समय हंगामा खड़ा कर दिया, जब उनके पास कार्ड रहने के बाद भी इलाज नहीं किया जा सका. लाभूक सफीक अंसारी ने बताया कि हमलोग विभिन्न बीमारियों के इलाज कराने आये थे. अस्पताल प्रबंधन ने कार्ड की अवधि समाप्त होने के कारण इलाज करने से इनकार कर दिया. मरीजों ने कहा कि वे पिछले दो दिनों से क्लीनिक का चक्कर काट रहे हैं. योजना के अंतर्गत बीपीएल व मनरेगा परिवारों ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में 30 रुपये देकर स्मार्ट कार्ड बनवाया था,जिसमें स्मार्ट कार्ड धारी के परिवार जिले के चयनित स्वासथ्य केंद्र व अस्पतालों में 30 हजार रुपये तक का नि:शुल्क इलाज होता था. चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत नया कार्ड नहीं बनाया गया अौर न एक्सटेंशन दिया गया. ऐसे में श्रम विभाग की अोर से पुराने कार्ड पर ही छह माह का विस्तार देते हुए 30 सितंबर तक समय सीमा बढ़ा दी गयी थी. काफी संख्या में मरीज इस योजना के तहतच अपना इलाज करवा रहे थे. सरकार का स्पष्ट निर्देश नहीं मिल पाने के कारण इलाज कराने में कठिनाई हो रही है.
कहते हैं चिकित्सक
बीपीएल व मरीजों के लिए यह कार्ड वरदान साबित हुआ है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कार्डधारियों का इलाज रूक जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
– डॉ संजय, निदेशक, मेधा सेवा सदन, कुंडा