देवघर: देवघर सहित संताल परगना में डेंगू आहिस्ता-आहिस्ता पांव पसारने लगा है. पिछले चौबीस घंटे में गोड्डा एवं देवघर में डेंगू रोग के एक-एक मरीज की पहचान हुई है. चिकित्सकों की गहन देखरेख में पीड़ित मरीजों का इलाज चल रहा है. डेंगू के बढ़ते कहर से संताल परगना के लोग भयाक्रांत हो गये हैं.
भारत सरकार ने डेंगू रोगियों की पहचान, समुचित इलाज एवं जागरूकता के लिए आवश्यक गाइडलाइन भी जारी किया है. लेकिन, देवघर में स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी डेंगू रोग की रोकथाम एवं मरीजों की पहचान के प्रति गंभीर नहीं है. सदर अस्पताल देवघर में भी डेंगू मरीजों की इलाज के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं है. देवघर में हर दिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री व पर्यटक आते हैं. धनकटनी में काम के लिए संताल परगना में मजदूरों का आना शुरू हो गया है.
हजारों की संख्या में मजदूर संताल परगना पहुंचते हैं. दुर्गा पूजा निकट है. अन्य प्रांतों में कामकाज करने वाले लोग भी कुछ ही दिनों के बाद ही देवघर एवं संताल परगना में अपने-अपने घर पहुंचने लगेंगे. ट्रेन अथवा बस के माध्यम से लोग देवघर पहुंच रहे हैं. डेंगू का तेजी से प्रोलिफेरेट होने की संभावना है. लेकिन, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में डेंगू की रोकथाम के लिए जांच का कोई इंतजाम नहीं है.
कहते हैं आरडीडी
‘सरकारी अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीजों के इलाज का इंतजाम है. अगर कोई डेंगू से पीड़ित है तो अपना इलाज करा सकते हैं. रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए इंतजाम किया जायेगा.’
– डाॅ आरपी सिंह
क्षेत्रीय स्वास्थ्य उप निदेशक
स्वस्थ्य विभाग, दुमका.
डेंगू बुखार क्या है :
डेंगू का बुखार मच्छर के काटने से होता है. डेंगू के मच्छर में विशेष प्रकार का वायरस पाया जाता है. अगर कोई मच्छर संक्रमित व्यक्ति को डंसता है, तो मच्छर वायरस से संक्रमित हो जाता है. इस वजह से अन्य लोगों में डेंगू फैलने का खतरा बढ़ जाता है. नॉर्थ बिहार के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक डेंगू रोग से सैकड़ों रोगियों की मौत हो चुकी है. पूरे वर्ष में डेंगू रोग से मरने वालों की संख्या हजारों में है.
क्या लक्षण हैं?
– अचानक तेज बुखार होगा
– बुखार एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है
– असहनीय सिरदर्द और बदन दर्द होगा
– आंख में दर्द होगा
– जाेड़ों और मांसपेशियों में जोरदार दर्द होगा
– रह-रह कर उल्टी (मतली) होगा
– भूख नहीं लगेगी, खाने में अरूचि
– शरीर पर लाल-लाल धब्बा का निशान मिलेगा
डेंगू बुखार की रोकथाम :
डेंगू बुखार को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है. बीमारी को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका आप अपना बचाव खुद करें. खास कर संक्रमित मच्छरों को काटने से रोकने के लिए. यदि संभव हो तो रिहायशी इलाका से दूर रहे. सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, घरों के अंदर मच्छरों से बचाव के लिए मॉस्कीटो क्वाॅयल जलाएं. जब बाहर निकले तो लंबे बाजू की शर्ट, मौजा, लंबी पैंट पहने, घरों के आसपास गंदगी फैलने नहीं दें. न ही गड्ढे में पानी जमा होने दें. मच्छरों का प्रकोप को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करें.
केस स्टडी – एक
देवघर प्रखंड के मालेडीह गांव के विक्रम प्रसाद वर्मा दिल्ली में मजदूरी करता है. कई दिनों से बीमार था. इलाज के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं होते देख देवघर लौट आये. देवघर में जांच कराया. जांच में डेंगू पॉजिटिव मिला. वर्तमान में देवघर के निजी नर्सिंग होम में इलाज करा रहे हैं.
केस स्टडी – दो
सीआइएसएफ का जवान बजरंग लाल शाखर इसीएल ललमटिया में कार्यरत है. पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. उपचार के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. चिकित्सक की सलाह पर जांच कराया. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिला. वर्तमान में इलाजरत हैं.