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योजना पूरी किये बगैर विभाग ने कागज पर बना दिया पूर्ण का रिपोर्ट!

देवघर: वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधायक फंड की योजनाओं में विभागीय लापरवाही सामने आयी है. इसमें सारठ व देवघर विधानसभा की योजनाएं शामिल है. विभागीय सूत्रों के अनुसार देवघर में एनआरइपी को विधायक फंड की राशि मुहैया करायी गयी थी. वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधायक फंड की योजनाओं को स्थल पर पूर्ण किये बगैर विभाग […]

देवघर: वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधायक फंड की योजनाओं में विभागीय लापरवाही सामने आयी है. इसमें सारठ व देवघर विधानसभा की योजनाएं शामिल है. विभागीय सूत्रों के अनुसार देवघर में एनआरइपी को विधायक फंड की राशि मुहैया करायी गयी थी. वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधायक फंड की योजनाओं को स्थल पर पूर्ण किये बगैर विभाग के अभियंताओं ने विभागीय प्रोग्रेस रिपोर्ट में पूर्ण दर्शा दिया था. यह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भी भेज दी गयी थी.

लेकिन विभाग की अंदरुनी जांच में यह गड़बड़ी पकड़ में आ गयी. मार्च में कैबिनेट सचिव व महालेखाकार द्वारा पत्र के माध्यम से सभी जिलों को यह आदेश दिया गया था कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधायक फंड की शेष बची हुई राशि वित्तीय वर्ष 2015-16 में हस्तांतरित कर दिया जाये, ताकि इस राशि को नये विधायकों की अनुशंसा पर खर्च की जायेगी.

कैबिनेट सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार पिछले वर्ष विधायक फंड की जो योजनाएं 45 दिनों के अंदर चालू नहीं हुई है उसे रद्द करते हुए उक्त योजनाओं की राशि अप्रैल माह में नये विधायकों की अनुशंसा पर खर्च की जायेगी, लेकिन देवघर में एनआरइपी के अभियंताओं ने सारठ में लगभग 65 लाख व देवघर में लगभग सात लाख रुपये की उन योजनाओं को कागज पर पूर्ण दिखा दिया जिसे धरातल पर कभी उतारा ही नहीं गया. यह योजनाएं वित्तीय वर्ष 2014-15 में तत्कालीन विधायकों की अनुशंसा पर स्वीकृत तो जरूर हुई थी, लेकिन विभाग द्वारा योजनाओं पर काम चालू नहीं किया गया था. इधर कैबिनेट सचिव के नये पत्र आने के बाद विभाग के अभियंताओं ने किस इरादे से कागज पर ही अपूर्ण योजनाओं को पूर्ण दिखा दिया था यह सवाल उठा रहा है.

कृषि मंत्री ने भी पकड़ी थी गड़बड़ी
कैबिनेट सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार पिछले वर्ष विधायक फंड की जो योजनाएं 45 दिनों के अंदर चालू नहीं होने पर नये विधायकों की अनुशंसा पर खर्च करने की बात आयी तो सारठ के वर्तमान विधायक व कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने इस गड़बड़ी को पकड़ा था. पिछले दिनों देवघर सर्किट हाउस में कृषि मंत्री ने फाइलों के अध्ययन में भी देखा कि उनके क्षेत्र में तत्कालीन विधायक फंड की कई ऐसी योजनाएं पूर्ण की रिपोर्ट दर्शा दी गयी है जो हकीकत में धरातल पर पूरा हुआ ही नहीं है. बताया जाता है कि मंत्री ने सर्किट हाउस में मौके पर ही विभाग के सहायक अभियंता कामेश्वर झा पर नाराजगी भी प्रकट की थी. अंत में सहायक अभियंता ने इसे टाइपिंग भूल कहकर मामले को टाल दिया.
क्या कहते हैं सहायक अभियंता
एनआरइपी के सहायक अभियंता कामेश्वर झा ने कहा कि 2014-15 में सिर्फ सारठ विधायक फंड की कुछ योजनाएं टाइपिंग भूल से कागज पर पूर्ण दिखा दी गयी थी. इसी भूल की वजह से विभागीय प्रोग्रेस रिपोर्ट में भी पूर्ण दर्शा दिया गया था. यह वैसी सभी योजनाएं थी जो स्वीकृति के 45 दिनों के अंदर चालू नहीं हुई थी. इसे रद्द करते हुए वर्तमान सारठ विधायक सह मंत्री से अनुशंसा के लिए फाइल प्रस्तुत किया गया था. हालांकि मंत्री जी को सच्चाई से अवगत करा दिया व मामूली टाइपिंग भूल से गलत रिपोर्ट हो गयी थी. इसे सुधार लिया गया है. राशि अभी भी पड़ी हुई है.

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