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संताल में 8.6 करोड़ के राजस्व की क्षति

चार सूत्री मांगों के समर्थन में बंद रहे पट्रोल पंप देवघर : झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर चार सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को संताल परगना प्रमंडल के पेट्रोल पंप व्यवसायियों ने अपने-अपने पेट्रोल पंप बंद रखे तथा सरकारी नीति का विरोध जताया. इस दौरान प्रमंडल क्षेत्र के 123 पेट्रोल पंप बंद रहने […]

चार सूत्री मांगों के समर्थन में बंद रहे पट्रोल पंप

देवघर : झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर चार सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को संताल परगना प्रमंडल के पेट्रोल पंप व्यवसायियों ने अपने-अपने पेट्रोल पंप बंद रखे तथा सरकारी नीति का विरोध जताया.

इस दौरान प्रमंडल क्षेत्र के 123 पेट्रोल पंप बंद रहने के कारण सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. वहीं डीजल-पेट्रोल नहीं मिलने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस संबंध में पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सदस्य राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल की बिक्री पर असमान वैट वृद्धि किये जाने से पंप मालिकों के व्यवसाय पर खासा असर पड़ रहा है.

बाध्य होकर पंप मालिकों ने सरकार की नीति का विरोध जताते हुए गुरुवार को सांकेतिक हड़ताल के तौर पर अपने पंप बंद रखे व बिक्री ठप रखा. देवघर जिले में भी 34 पेट्रोल पंप हड़ताल के कारण बंद रहे. इससे पूर्व पंप मालिक एसोसिएशन के पदाधिकारी विनय कुमार सिंह, प्रेम कुमार यादव, मनीष कुमार सिंह समेत कई अन्य पंप मालिक सुबह छह बजे से ही शहर के सभी पंपों का दौरा कर बंद को सफल बनाने की अपील किया. मधुपुर में भी पेट्रोल नहीं मिलने से लोग परेशान रहे.

परिचालन हुआ प्रभावित

पेट्रोल व डीजल के अभाव में वाहन मालिक व चालक चाह कर भी अपने गंतव्य स्थान तक की यात्रा नहीं कर सके. नतीजतन उन्हें दिनभर हड़ताल टूटने का इंतजार करना पड़ा. इसका असर प्राइवेट बस स्टैंड, ट्रेकर स्टैंड व ऑटो स्टैंड पर देखने को मिला. जब अपने गंतव्य के लिए यात्रा करने वाले काफी संख्या में यात्राी वाहनों का इंतजार करते नजर आये.

करोड़ों का नुकसान

हड़ताल के कारण डिपो से पेट्रोल व डीजल का उठाव भी नहीं किया. इससे संताल परगना में पेट्रोल-डीजल की बिक्री पूरी तरह से ठप रही. एक दिन के हड़ताल के कारण सरकारी राजस्व को लगभग 8.6 करोड़ (वैट व राजस्व मद में) रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. वहीं विभागीय सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार के वित्त विभाग को लगभग 34.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

इस संदर्भ में डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारी श्री कुमार ने बंद का मुख्य उद्देश्य सरकार को होने वाले राजस्व पर असर डालना था, ताकि सरकार हमारी समस्याओं को समङो. आने वाले सरकार नहीं चेतती है तो आने वाले दिनों में पेट्रोलियम डीलर्स अश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य होंगे. इनकी मांगों में सरकारी भुगतान की प्रक्रिया साप्ताहिक करने, ल्यूब्रिकेंट पर प्रथम बिंदु टैक्स लेने, पंप मालिकों को सुरक्षा प्रदान करने आदि शामिल है.

बंद पूरी तरह से सफल, सरकार निर्णय पर करे पुनर्विचार : अशोक सिंह

राज्य पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से आहुत एक दिवसीय पेट्रोल पंप बंद पूरी तरह से सफल रहा.

इस आशय की जानकारी पेट्रोलियम डीलर्स एसो. के राज्याध्यक्ष अशोक सिंह ने धनबाद से फोन पर दी. उन्होंने बताया कि पंप मालिकों की एकजुटता यह दर्शाती है कि सरकार के फैसले से व्यवसायी कितने त्रस्त हैं. इस भावना को सरकार को समझना होगा. राज्य के 1120 पंपों में से 773 पंप सरकार के वैट वृद्धि से प्रभावित हैं. इसका प्रभाव पेट्रोलियम प्रोडक्ट की ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टरों पर भी पड़ रहा है. उनके समक्ष वाहन बनाने में खर्च व बैंक के इएमआइ जमा करने को लेकर भूखमरी की समस्या खड़ी हो गयी है.

यदि सरकार ने जल्द से जल्द अपने फैसले को नहीं बदला. तो आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर भी पंप मालिकों के साथ विरोध में शामिल हो जायेंगे. इससे सरकार को आर्थिक क्षति के साथ काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. राज्यभर में बंदी से सरकार को 35.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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