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संताल परगना में आपसी चंदा पर चलता है पुलिसकर्मियों का मेस

संताल परगना के अधिकांश जिले में पुलिसकर्मियों के लिए सरकारी स्तर पर मेस की कोई सुविधा नहीं है. अधिकांश जगहों पर तो प्राइवेट कुक रख कर आपसी चंदे पर मेस चलाया जा रहा है. सिर्फ उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन में दो मेस की व्यवस्था है, जहां पांच-पांच सौ जवानों का भोजन लकड़ी पर बनता […]

संताल परगना के अधिकांश जिले में पुलिसकर्मियों के लिए सरकारी स्तर पर मेस की कोई सुविधा नहीं है. अधिकांश जगहों पर तो प्राइवेट कुक रख कर आपसी चंदे पर मेस चलाया जा रहा है. सिर्फ उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन में दो मेस की व्यवस्था है, जहां पांच-पांच सौ जवानों का भोजन लकड़ी पर बनता है. देवघर के डाबरग्राम पुलिस लाइन में भी एक मेस की बंदोबस्त है, जहां दो गृहरक्षकों की डय़ूटी भोजन बनाने में है. वहीं बेलाबगान पुलिस लाइन में प्राइवेट कुक के सहारे एक मेस संचालित है. हालांकि इस मेस का खर्च जवानों द्वारा आपस में शेयर किया जाता है.
देवघर: संताल परगना में पुलिसकर्मियों के मेस की स्थिति खराब है. देवघर नगर थाने में पुलिसकर्मियों के बैरक में अलग-अलग मेस चलता है. गृहरक्षकों का दो आपसी मेस व थाना बिल्डिंग में रहने वाले पुलिसकर्मियों का अपना मेस चलता है. खर्च शेयर कर वहन करते हैं. वहीं खाना भी पालीबद्ध तरीके से बनाते हैं. सुविधानुसार दिन व रात का खाना तैयार करते हैं.
पुलिस पदाधिकारियों का मेस क्लब में : नगर थाने के पुलिस पदाधिकारियों का मेस थाना के बगल स्थित पुलिस क्लब में चलता है. एक प्राइवेट कुक करीब 25 से अधिक पुलिसकर्मियों का भोजन बनाता है. दो बार भोजन का खर्च आपसी शेयर में प्रति शाम पुलिसकर्मियों को 30-40 रुपया भुगतान करना पड़ता है.
बरामदे में खाना बनाते हैं सारठ के जवान
सारठ. थाना के जवानों का बसेरा सारठ थाना परिसर के बरामदे में है. आंधी-पानी में भी उनलोगों को वहीं रहना मजबूरी है. वर्तमान में सारठ थाना में 1/7 जवान तैनात हैं. पदाधिकारियों व जवानों का एक संयुक्त मेस संचालित है. प्राइवेट कुक दो समय खाना बनाते हैं, प्रति व्यक्ति भोजन में इन लोगों को 1500 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है.
मधुपुर थाने में भी नहीं है मेस की व्यवस्था
मधुपुर. मधुपुर थाना में पदस्थापित पुलिस के जवान संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं. थाना में मात्र एक हवलदार व आठ सिपाही पदस्थापित हैं. ये लोग थाना भवन के ऊपर ही बने हॉल में रहते हैं. सरकारी स्तर पर खाना के लिए थाना में मेस संचालित नहीं है. लेकिन पुलिसकर्मियों ने एक निजी रसोइया रखा है. जो इन लोगों के लिए सुबह-शाम दो बार खाना बनाता है. रसोइया को पुलिस कर्मियों द्वारा आपसी सहयोग कर मानदेय का भुगतान किया जाता है. मेस थाना के एक पुराने व जजर्र भवन में चलता है. जो अत्यंत ही जजर्र और गंदा है.
लोगों को सुरक्षा देने वाले पुलिस जवान खुद असुरक्षित
पालोजोरी: लोगों को सुरक्षा देने वाले पुलिस जवान आज खुद असुरक्षित हैं. पालोजोरी थाना में छह जवान व दो हवलदार तैनात हैं. एक दीवार पर बांस-बल्ली देकर प्लास्टिक डाल दिया गया है. उसी के नीचे उनलोगों का मेस चलता है. मेस का मासिक खर्च पुलिसकर्मी चंदे से चुकाते हैं.
देवीपुर थाना में भी निजी कुक बनाता है भोजन
देवीपुर. थाना खुले पांच साल बीत गये. अब तक देवीपुर थाना को अपना भवन नसीब नहीं है. एक गार्ड रूम है, जिसके एक हिस्से में जवान रहते हैं व दूसरे हिससे में रसोई का काम चलता है. जवनों व पदाधिकारियों को भेजन प्राइवेट कुक तैयार करता है. उक्त कुक को आपस में चंदा कर पुलिसकर्मी भुगतान करते हैं.
मोहनपुर थाना में चंदा से चलता है मेस, पर्याप्त सुविधा का भी अभाव
मोहनपुर. मोहनपुर थाना में पुलिसकर्मी आपस में चंदा कर रसोई घर चलाते हैं. चंदे के सहारे शिव नगर गांव का रसोइया गजाधर यादव को मेहनताना दिया जाता है. पुलिसकर्मियों के लिए रसोई घर भी ठीक नहीं है. जर्जर भवन में रसोई घर चलता है. खाना बनाने के लिए पर्याप्त सुविधा भी नहीं है. लकड़ी के जलावन से खाना बनाया जाता है.
‘‘ सरकारी कुक नहीं है. वैकल्पिक तौर पर गृहरक्षक व प्राइवेट कुक खाना पकाते हैं. पुलिस लाइन में मेस संचालित है. वहीं हर थानों में भी आपसी शेयर से पुलिसकर्मी मेस चलाते हैं.
-पी मुरुगन, एसपी देवघर
‘‘ विभागीय स्तर पर मेस की व्यवस्था नहीं है. एसपी ने दो गृहरक्षक दिया है. दोनों डाबरग्राम मेस में पुलिसकर्मियों का खाना बनाते हैं. बेलाबगान पुलिस लाइन के मेस में प्राइवेट कुक है. मेस खर्च पुलिसकर्मी शेयर करते हैं. कुक की बहाली की मांग एसपी से किये हैं, उनके द्वारा विभाग को पत्रचार किया गया है.
-सुरेश पासवान, अध्यक्ष, पुलिस मेंस एसोसिएशन, देवघर
गोड्डा: निजी चंदे पर चलता है थानों में मेस : जिले में सभी थाने में पुलिस कर्मी की सहभागिता से मेस चलाया जा रहा है. पुलिस कर्मी बकायदा डेढ़ से दो हजार की राशि मेस में जमा करते हैं, तभी इनलोगों को खाना मिल पाता है.
साहिबगंज : पुलिसकर्मियों को खुद ही बनाना पड़ता है खाना
पुलिस लाइन स्थित पुलिस बैरक में चलने वाले मेस में कोई सुविधा नहीं है. पुलिस मेस प्राइवेट कुक के सहारे चलता है. कुक के नाम पर महज एक होमगार्ड जवान की प्रतिनियुक्ति है.
पाकुड़ में जलावन के अभाव में बंद है पुलिसकर्मियों का मेस
पाकुड़. जिले की पुलिस लाइन स्थित पुलिसकर्मियों का मेस जलावन के अभाव में कई दिनों से बंद है. जवान अपनी बैरक में ही भोजन बना रहे हैं. वहीं कई जवानों को होटल का भी सहारा लेना पड़ रहा है.
पुलिस लाइन में चलता है दो मेस
दुमका कोर्ट. पुलिस लाइन दुमका में दो मेस चलता है. दोनों मेस में 500 – 500 सिपाही का भोजन बनाने की व्यवस्था है.

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