शांति देवी नगर निगम के इस नयी टीम में सबसे अधिक उम्र की पार्षद है. इस महिला अनारक्षित वार्ड में 65 वर्षीय शांति देवी ने कई दिग्गजों को शिकस्त दी है. शांति देवी के वार्ड में कुल आठ प्रत्याशी मैदान में थी. शांति देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मौसम देवी को आठ वोट से पराजित किया. शांति का पूरा जीवन संषर्घ में बीता है. शांति के पति स्वर्गीय बसंत हरि नगर पालिका में सफाई कर्मी थे.
उनका निधन 1998 में हो गया. शांति को चार पुत्र व चार पुत्री है. दो पुत्री की शादी हो चुकी थी. पति के निधन के बाद परिवार को संभालना काफी मुश्किल हो गया था. दो पुत्री की शादी किसी तरह कर पायी. तीन वर्ष बाद पुत्र पलटू हरि की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर नगर पालिका में सफाई कर्मी के पद पर हुई. इस बीच शांति देवी पर कई केस-मुकदमे हुए. इसमें अधिकांश जमीन का झगड़ा था. करीब दर्जन भर केस का सामना कर चुकी शांति देवी के जीवन का आधा हिस्सा संघर्ष में बीत गया. अपनी जमीन बचाने में सफल शांति देवी का परिवार खेती-बाड़ी से संभल गया. एक बेटा रमेश हरि ने अपने जमीन पर ईंट-भट्टे का व्यवसाय शुरू किया. वर्तमान में भी शांति देवी का बेटा पलटू हरि नगर निगम में सफाईकर्मी है. शांति देवी ने कहा कि वार्ड नंबर 25 विकास से वंचित रहा है. मैं महेशमारा की बेटी भी हूं. अपनी जन्मभूमि से खास लगाव है. इसलिए लोगों का प्यार व स्नेह ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया. आने वाले पांच वर्षो में विकास के लिए तत्पर रहूंगी व मूलभूत समस्या से जूझ रहे लोगों को मदद करुंगी.