स्व तिलोकचंद बाजला का तिरोधान दिवस
देवघर : स्व तिलोक चंद बाजला में प्रतिभा कूट–कूट कर भरी थी. उन्होंने समाज के हर क्षेत्र में अपना छाप छोड़ा. वह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे.
उक्त बातें पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा हिंदी विद्यापीठ देवघर के स्व तिलोक चंद बाजला सभागार में स्व बाजला के तीसरे तिरोधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि स्व बाजला ने सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक सभी क्षेत्रों में अपने कृतित्व से पहचान बनायी. उन्होंने हमेशा कर्तव्य धर्म का पालन किया.
अधिकार कभी नहीं जताया. उनके साथ पारिवारिक रिश्ता होने से बहुत नजदीक से देखने का मौका मिला. ऐसे लोगों के चले जाने से खाली पड़ी सीट भरना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि काम करते रहिए, उम्र के बारे में मत सोचिए. उम्र के बारे में सोचने पर काम पीछे छूट जायेगा. पहले समाज को दीजिए, समय आने पर समाज आपके विषय में अवश्य सोचेगा. उन्होंने कहा कि स्व बाजला के शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों को देखते हुए एसकेएमयू में नये चांसलर के आने पर स्व बाजला के नाम से भी कोई मेडल जारी करने की अपील करेंगे. मंचासीन एएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ नागेश्वर शर्मा ने कहा कि स्व तिलोक चंद बाजला की शिक्षा प्रेम जगजाहिर था. उन्होंने नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई सराहनीय योगदान दिया.
उनके प्रति सबके मन में श्रद्धा है. उनका हर कार्य पारदर्शी होता था. मंच की अध्यक्षता कर रहे डा मोहनानंद मिश्र ने कहा कि शहर में शिक्षा के क्षेत्र में पं शिवराम झा और स्व बाजला का अभूतपूर्व योगदान है. दोनों ने नारी शिक्षा को बढ़ावा देने में विराट काम किये. स्व बाजला देवघर के मालवीय थे.
आरडी बाजला कॉलेज उनकी ही देन है. उन्होंने कर्म और निष्ठा से जिले में पहचान बनाया है. मौके पर रमेश बाजला, गोविंद प्रसाद डालमिया, गौरी शंकर राय, प्रो रामनंदन सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे. मंच संचालन डा शंकर मोहन झा ने की. इससे पूर्व स्व बाजला की तसवीर पर फूल–माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मौके पर समाजसेवी चंद्रमा सिंह, उद्योगपति प्रदीप बाजला, वार्ड पार्षद रीता चौरसिया, शैलजा देवी, श्याम किशोर सिंह, समरेश सिंह, मोती द्वारी आदि दर्जनों गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.