चिलचिलाती धूप व तेज गरमी के बीच दूर-दराज से इलाज के लिए निजी क्लिनिक पहुंचे लोगों को घंटों क्लिनिक के बाहर इंतजार करना पड़ा. इन मरीजों में से किसी को अल्ट्रासाउंड तो किसी को सिटी स्कैन या ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट चिकित्सक से दिखानी थी. मगर चिकित्सक नहीं आये. अंतत: मरीज व उनके परिजनों को वापस घर लौटना जाना पड़ा.
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चिकित्सक डॉ आरबी चौधरी की हत्या के विरोध में चिकित्सा सेवा ठप
देवघर: गुमला के चिकित्सक डॉ आरबी चौधरी के अपहरण के बाद हत्या के विरोध में बुधवार को पूरे देवघर जिले में चिकित्सा सेवा ठप रही. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व झासा के संयुक्त आह्वान पर जिले भर के सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. इस कारण सरकारी अस्पताल (पीएचसी, सीएचसी व सब सेंटर) […]
देवघर: गुमला के चिकित्सक डॉ आरबी चौधरी के अपहरण के बाद हत्या के विरोध में बुधवार को पूरे देवघर जिले में चिकित्सा सेवा ठप रही. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व झासा के संयुक्त आह्वान पर जिले भर के सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. इस कारण सरकारी अस्पताल (पीएचसी, सीएचसी व सब सेंटर) और निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे.
अस्पताल पहुंचने वाले गंभीर मरीजों का इलाज सिर्फ इमरजेंसी में किया गया. जबकि सामान्य तरह के मरीजों को इलाज के अभाव में वापस लौट जाना पड़ा. उधर, निजी क्लिनिक व नर्सिग होम बंद रहने से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.
सदर अस्पताल में दिनभर चला इलाज
इमरजेंसी सेवा के तहत सदर अस्पताल में दिनभर मरीजों का इलाज चलता रहा. अस्पताल में इमरेजंसी सेवा के दौरान डॉ रंजन पांडेय, डॉक्टर रवि रंजन, डॉ नवल किशोर, डॉ अनिल कुमार आदि ने बारी-बारी से विभिन्न घटना-दुर्घटना में घायल मरीजों का इलाज किये व चिकित्सा सेवा मुहैया कराया. वहीं सदर अस्पताल की एएनएम व ड्रेसर ने मेहनत की व मरीजों को इंजेक्शन व स्लाइन आदि चढ़ाया.
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