जानकारी के अनुसार, कोयला ढुलाई बाधित रहने से एक तरफ जहां कोलियरी को प्रतिदिन चार लाख का नुकसान हो रहा है वहीं डंपर मालिकों को प्रतिदिन 1.50 लाख का नुकसान हो रहा है.
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कोयला ढुलाई चार दिनों से बाधित, लाखों का नुकसान
चितरा: चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग होने वाले कोयला ढुलाई का कार्य पिछले चार दिनों से बाधित है. इसके बावजूद एक तरह कोलियरी प्रबंधन कोयला ढुलाई कार्य में लगे डंपरों का फिटनेश प्रमाण पत्र जमा कराने की बात को लेकर अड़ी है वहीं दूसरी ओर डंपर मालिक कोलियरी प्रबंधन पर शोषण करने का आरोप […]
चितरा: चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग होने वाले कोयला ढुलाई का कार्य पिछले चार दिनों से बाधित है. इसके बावजूद एक तरह कोलियरी प्रबंधन कोयला ढुलाई कार्य में लगे डंपरों का फिटनेश प्रमाण पत्र जमा कराने की बात को लेकर अड़ी है वहीं दूसरी ओर डंपर मालिक कोलियरी प्रबंधन पर शोषण करने का आरोप लगा कर कर कोयला ढुलाई के लिए अपने डंपरों को कोल डंप नहीं भेज रहे हैं.
कहते हैं डंपर मालिक
इस संबंध में डंपर मालिक ललित मिश्र, पप्पू भोक्ता, संजय मिश्र, पंकज भोक्ता, रौशन कुमार, संजीव यादव, नरेश यादव, सुभाष यादव, परेश यादव आदि ने कहा कि प्रबंधन कागजात के बहाने डंपर मालिकों का शोषण कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ ट्रांसपोर्ट व प्रबंधन के द्वारा कोयला ढुलाई भाड़े में कोई वृद्धि नहीं कर रही है. वहीं दूसरी तरफ अंडर लोड कोयला ढुलाई करने व सभी प्रकार के प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा जा रहा है.
कहते हैं मजदूर नेता
मजदूर नेता मुन्ना मिश्र ने कहा कि कोलियरी महाप्रबंधक द्वारा कहा गया है कि कोई नुकसान नहीं हो रहा है. जो सरासर गलत है. महाप्रबंधक चाहते हैं कि जब चालू होगा तो तब कोयला ढुलाई कार्य दोगुणा करा देंगे.
कहते हैं महाप्रबंधक
महाप्रबंधक युनूस अंसारी ने कहा कि परिवहन विभाग जामताड़ा द्वारा कहा गया कि कोयला ढुलाई करने वाले डंपर फिटनेस प्रमाण पत्र जमा कराएं अन्यथा कार्रवाई की जायेगी. इसी बाबत कोयला ढुलाई कार्य में लगे डंपरों को सभी कागजात जमा करने हेतु कहा गया है. कोयला उत्पादन का कार्य हो रहा है और कोयला जमा किया जा रहा है.
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