देवघर: पिछले दिनों कैग ने जो रिपोर्ट झारखंड के बारे में पेश किया है. वह काफी चौकानेवाला है. पूरी रिपोर्ट के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य में पिछली सरकार में 10 हजार करोड़ से भी अधिक की गड़बड़ी हुई है. इसलिए कैग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार सीबीआइ जांच कराये. यह बातें झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव ने देवघर सर्किट हाउस में पत्रकारों से कही. श्री यादव ने कहा कि कैग की रिपोर्ट पर सीबीआइ जांच की मांग को लेकर झाविमो एक अगस्त को पूरे राज्य के जिला मुख्यालयों में डीसी के माध्यम से गवर्नर को ज्ञापन सौंपेगा.
उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण के 19 दिन बीत गये हैं अभी तक पूरी सरकार नहीं बनी. यहां तक कि सीएम के प्रधान सचिव तक की नियुक्ति नहीं हुई है. समन्वय समिति का चेयरमैन भी दिल्ली के नेता को बनाने की तैयारी चल रही है. इस सरकार की एक चाबी दिल्ली और दूसरी पटना में हैं. ऐसे में दिखावे के सीएम बने रह जायेंगे हेमंत सोरेन.
पुरानी बोतल में पुरानी शराब
श्री यादव ने कहा कि जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) बना है, वह पुरानी बोतल में पुरानी शराब है. सरकार का कोई लक्ष्य नहीं है. सिर्फ लेबल को काट कर उसकी एक्सपायरी डेट को बढ़ा दिया गया है. यह सरकार एमपी चुनाव के लक्ष्य को लेकर बनी है. लोकसभा चुनाव के बाद दोनों अलग हो जायेंगे.
मेला प्राधिकार गठन ही समाधान
मौजूदा सरकार ने श्रावणी मेले को महत्व नहीं दिया. इसलिए सीएम मेले का उदघाटन करने नहीं आये. जहां तक टाइम स्लॉट बैंड व अरघा का सवाल है. तो यह समस्या तो रहेगी. क्योंकि मेला तो स्थायी है, तो स्थायी मेले के लिए अस्थायी व्यवस्था क्यों? अस्थायी व्यवस्था ही समस्या की जड़ है. इसलिए इसका एकमात्र समाधान मेला विकास प्राधिकार ही है. इसका गठन हो. इस अवसर पर जिलाध्यक्ष नागेश्वर सिंह, विपिन देव, प्रमोद विद्यार्थी, श्याम सुंदर गुप्ता, युवा नेता रणधीर सिंह, संतोष पासवान आदि मौजूद थे.