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नहीं खुला धान क्रय केंद्र, फसल बीमा से भी वंचित

देवघर: पिछले कुछ वर्षो से सरकार किसानों के प्रति उदासीन रही है. 2012 में सारवां, सारठ व देवीपुर प्रखंड के सैकड़ों किसानों को खरीफ फसल की बीमा राशि आज तक नहीं मिली. 2014 में किसानों रबी फसल में किसानों को सरकार से अनुदानित दर पर गेहूं का बीज नहीं मिला. अब खरीफ फसल में सरकार […]

देवघर: पिछले कुछ वर्षो से सरकार किसानों के प्रति उदासीन रही है. 2012 में सारवां, सारठ व देवीपुर प्रखंड के सैकड़ों किसानों को खरीफ फसल की बीमा राशि आज तक नहीं मिली. 2014 में किसानों रबी फसल में किसानों को सरकार से अनुदानित दर पर गेहूं का बीज नहीं मिला. अब खरीफ फसल में सरकार किसानों के धान का समर्थन मूल्य निर्धारण कर धान की खरीदारी नहीं की. इस वर्ष किसानों की मेहनत व पूंजी खुले बाजार में पानी की तरह बह रही है.

सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये तक का नुकसान हो रहा है. पिछले वर्ष बाजार व हाट में सरकारी धान क्रय केंद्र में 1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की बिक्री हुई थी. किसानों को देर से ही सही लेकिन सरकारी उचित मूल्य 1300 रुपये प्राप्त हुआ था. वर्तमान में हाट व बाजार में किसानों को एक हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेचना पड़ रहा है.

हालांकि इस वर्ष सरकार ने 1360 रुपये प्रति क्विंटल का दर निर्धारण तो किया है, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतारा. अब तक क्रय केंद्र नहीं खुलने से हाट व बाजार में प्रतिदिन हजारों क्विंटल धान की खरीदारी कर सीधे राइस मिलों तक सप्लाइ की जा रही है.
तीन वर्षो में नहीं मिल पाया बीमा राशि : सारवां, सारठ व देवीपुर प्रखंड में 2012 राष्ट्रीय कृषि बीमा निगम के द्वारा खरीफ फसलों का बीमा हुआ था. इसमें धान व मक्का है. 2012 में पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ था. किसानों की सारी पूंजी डूब गयी थी. बीमा कंपनियां व राज्य सरकार द्वारा सर्वे कर रिपोर्ट भेज दिया गया. लेकिन किसानों को बीमा राशि अब तक नहीं मिली. बताया जाता है केंद्र सरकार व राज्य सरकार के पेच में किसानों की राशि अटक गयी थी.
इस माह के अंत तक बीमा राशि मिलने की संभावना : डीसीओ : डीसीओ सुशील कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार से फसल बीमा का अंश छह माह पहले प्राप्त हो चुका है. राज्य सरकार से अंश प्राप्त नहीं हो पायी थी. नयी सरकार के गठन के बाद प्रक्रिया चालू है. जनवरी माह के अंत तक बीमा राशि मिलने की संवभाना है. इसके अलावा धान क्रय केंद्र खोलने का भी राज्यस्तर पर प्रक्रिया चल रही है. कई बैठकें हो रही है. जनवरी के अंत तक क्रय केंद्र पर भी फैसला होने की संभावना है.

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