देवघर: जिले के 140 प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों में मध्याह्न् भोजन बंद है. चिह्न्ति स्कूलों में आखिर कब तक मध्याह्न् भोजन पुन: शुरू होगा यह तय नहीं दिख रहा है.
सूबे के प्राथमिक शिक्षा निदेशक जेबी उरांव द्वारा खुलासा किये जाने के बाद विभाग में हलचल शुरू हो गया. आखिर बैंक खाते में 1.46 करोड़ रुपये शेष होने के बाद भी विद्यालय के बच्चों को मध्याह्न् भोजन नहीं दिया जाना काफी गंभीर बात है. इसके लिए कौन जवाबदेह है ? गलतियों पर विभागीय कार्रवाई होगी ? आदि ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब लोग जानना चाहते हैं. विभागीय कार्यशैली की वजह से सरकारी योजनाओं के लाभ से स्कूल के बच्चे वंचित रहते हैं. फिर भी विभागीय पदाधिकारी कार्यशैली की दिशा में कोई सुधार नहीं कर रहे हैं.
विभागीय पदाधिकारी का यू टर्न : सूबे के प्राथमिक शिक्षा निदेशक की फटकार के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने एमडीएम प्रभारी से पूरे मामले की पड़ताल की. जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता ने बताया कि प्रभारी की गलती की वजह से कैश बुक का अपडेट नहीं हुआ था. विवरणी से मिलान करने पर पाया की 1.46 करोड़ की राशि में से 97 लाख रुपये कुकिंग कास्ट, रसोइया के मानदेय के लिए 16.75 लाख रुपये एवं अनाज का उठाव के लिए 21 लाख रुपये सितंबर माह में ही संबंधित स्कूलों को रिलीज कर दिया गया था. लेकिन, इसका उल्लेख कैश बुक में नहीं किया गया था. इसके लिए एमडीएम प्रभारी से स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी.