देवघर: केंद्रीय सफाई कर्मचारी आयोग भारत सरकार के सदस्य गोपाल कृष्ण सहोत्र ने रविवार को सर्किट हाउस में देवघर नगर निगम के सफाई कर्मियों की शिकायत सुनी. आयोग के सदस्य से सफाई कर्मियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि नियमित सफाई कार्य के एवज में सिर्फ पांच हजार रुपये दिये जाते हैं. लेकिन, कोई सुविधाएं नहीं मिलती है.
बगैर गलब्स, बूट, मास्क, वर्दी के ही सफाई कार्य करना पड़ता है. आयोग के सदस्य ने सफाई कर्मियों से कहा कि आप डरे नहीं, बल्कि शोषण के खिलाफ अपनी शिकायत आयोग से करें. संसाधन के बगैर आपलोगों पर काम के लिए दबाव बनाया जाये तो आप करना बंद कर दें. नियमानुकूल 200 लोगों पर एक सफाई कर्मी की जरूरत है.
लेकिन, यहां कर्मचारियों का घोर अभाव है. सदस्य सहोत्र ने सीइओ को निर्देश दिया कि वो सफाई कर्मियों की बस्ती में कैंप लगा कर सुविधाओं, सफाई कर्मियों के बच्चों को मिलने वाली तकनीकी शिक्षा, स्टाइफन, प्रधानमंत्री जन-धन योजना आदि के बारे में बताये. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के तहत देश के प्रधानमंत्री ने साफ -सफाई का बीड़ा उठाया है.
दूसरी ओर जिला के उपायुक्त कार्यक्रम के प्रति कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो सफाई कर्मचारियों के साथ आहूत मीटिंग में उपस्थित होना भी मुनासिब नहीं समझे. निश्चित रूप से काफी गंभीर मामला है. झारखंड के बोकारो एवं धनबाद जिले में भी यही हाल दिखा. उपायुक्त ने मुलाकत तक नहीं की. कार्रवाई की अनुशंसा के साथ पूरी रिपोर्ट आयोग के चेयरमैन, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को सौंपी जायेगी. इस मौके पर सीइओ अलोइस लकड़ा, सफाई इंस्पेक्टर अजय कुमार, सफाई कर्मी राजू धपरा, जय प्रकाश धपरा, मुकेश धपरा, विकास धपरा, पिंटू धपरा, सरलू धपरा, विनोद धपरा, मोती धपरा, राहुल धपरा, पप्पू धपरा, देवा धपरा, प्रकाश धपरा, मोहन धपरा, शिबू धपरा, चंदन धपरा, भानू धपरा, कालिया धपरा, अब्दुल आदि उपस्थित थे.
सीइओ ने बतायी मजबूरी, मदद का दिलाया भरोसा : देवघर नगर निगम के सीइओ अलोइस लकड़ा ने आयोग के सदस्य से स्पष्ट कहा कि सरकार सुविधाएं नहीं दे रही है. नगर विकास विभाग ने संकल्प के साथ सफाई कर्मियों का पद सरेंडर कर दिया है. फिर भी सफाई कर्मियों को भरोसा देता हूं कि हैंड गलब्स, मास्क सहित अन्य आवश्यक संसाधन जल्द उपलब्ध कराया जायेगा. जिससे सफाई कर्मियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. सीइओ ने कहा कि सफाई कर्मियों का मेंटल बुस्टप करने के लिए प्रयास किये जायेंगे.
सफाई कर्मियों ने गिनायी समस्याएं
तीन वर्षो से नहीं मिला है वर्दी
हैंड गलब्स, बूट, मास्क, हेल्मेट के बगैर करते हैं काम
सरकारी सुविधाओं के बारे में नहीं है जानकारी
बच्चे एवं परिवार के लिए कोई सोचने वाला नहीं
बगैर दस्ताना नंगे हाथ से करना पड़ता है डेथ बॉडी का डिस्पोजल
सफाई कर्मचारी नहीं होते हैं बूढ़े, बीमारी की वजह से मर जाते हैं जवानी में
बीमार होते हैं तो महाजन से सूद पर लेना पड़ता है पैसा