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खिरौंदा घाट में खत्म हुआ बालू, अब माफिया दूसरे घाटों से कर रहे उठाव

बालू का अवैध कारोबार-4. देवघर की नदियों के अस्तित्व पर संकट अजय नदी के एक घाट से हर माह में 20 हजार ट्रैक्टर बालू अवैध उठाव खिरौंदा घाट में अब कीचड़ निकलने लगा देवघर : बालू के अवैध कारोबार ने देवघर की प्रमुख नदियों को संकट में डालना शुरू कर दिया है. बालू का अवैध […]

  • बालू का अवैध कारोबार-4. देवघर की नदियों के अस्तित्व पर संकट
  • अजय नदी के एक घाट से हर माह में 20 हजार ट्रैक्टर बालू अवैध उठाव
  • खिरौंदा घाट में अब कीचड़ निकलने लगा
देवघर : बालू के अवैध कारोबार ने देवघर की प्रमुख नदियों को संकट में डालना शुरू कर दिया है. बालू का अवैध कारोबार नहीं रूका तो देवघर के नदियों का अस्तित्व संकट में आ जायेगा. डढ़वा नदी से पूरी तरह बालू खत्म होने के बाद अब अजय नदी से बालू खत्म हो रहा है. अजय नदी के खिरौंदा घाट से बालू खत्म हो चुका है.
अब बालू माफिया ने खिरौंदा घाट छोड़ कुछ दूरी पर ब्रह्मपुरा घाट से बालू का अवैध उठाव शुरू कर दिया है. खिरौंदा घाट से कई वर्षों से बालू का उठाव होता रहा है. इस घाट से हर महीने 20 हजार ट्रैक्टर बालू का अवैध उठाव हो रहा है. खिरौंदा घाट में गिरिडीह के फर्जी चालान पर रोजाना 200 ट्रैक्टर बालू उठाव से तेजी से घाट से बालू खाली हो गया.
बड़े पैमाने पर खिरौंदा घाट से गिरिडीह के फर्जी चालान पर बालू उठाव कर रास्ते में पड़ने वाले बड़े सरकारी प्रोजक्ट में काम करने वाली कंपनी को खपाया जा रहा है. पिछले छह माह के दौरान खिरौंदा घाट से सबसे अधिक बालू का उठाव अवैध ढंग से बड़े सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर किया गया है, जिसे फर्जी चालान के माध्यम से खपाया गया है.
सरकारी प्रोजेक्ट के अलावा ट्रैक्टर के जरिये बालू अवैध रूप से बाजार में बेचे जा रहे हैं. लगातार खिरौंदा घाट में बालू खनन करने से अब यहां कीचड़ निकलने लगा है, बालू की मात्रा खत्म हो चुकी है. ऐसी परिस्थिति में बालू माफियाओं ने अब ब्रहमपुरा घाट से बालू उठाव शुरू कर रोजाना 700 ट्रैक्टर बालू उठाव शुरू कर दिया है.
जांच के दायरे में गिरिडीह खनन विभाग का कंप्यूटर सेक्शन
खनन विभाग से जारी मूल चालान का स्कैन कर बार कोड बदलने का खेल गिरिडीह खनन विभाग कंप्यूटर सेक्शन से ही हो रहा है. खनन विभाग ने अपनी जांच के दायरे में गिरिडीह खनन विभाग के कंप्यूटर सेक्शन को भी लाया है. किस प्रकार मधुपुर के बालू माफिया की मिलीभगत से देवघर के बालू कारोबारियों के नाम से ऑनलाइन चालान का बार कोड बदलकर फर्जी चालान तैयार किया जाता है, इसकी जांच के लिए देवघर के खनन पदाधिकारी ने गिरिडीह के खनन पदाधिकारी से भी संपर्क किया है, ताकि इस रैकेट का खुलासा हो पाये.

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