12 व 13 सितंबर को गुलीपाथर व हिरणा में होगी भव्य प्रतियोगिता
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इमाम हुसैन की याद में निकला ताजिया अखाड़ों में दिखाये हैरतअंगेज करतब
12 व 13 सितंबर को गुलीपाथर व हिरणा में होगी भव्य प्रतियोगिता संताल परगना के कई जिलों के खिलाड़ी लेंगे हिस्सा देवघर : मुहर्रम के अवसर पर मुसलिम धर्मावलंबियों ने इमाम हुसैन की याद में ताजिया जुलूस निकाला. इसमें शामिल लोग या अली, या हुसैन के नारे लगाते हुए चल रहे थे. शहर में चार […]
संताल परगना के कई जिलों के खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
देवघर : मुहर्रम के अवसर पर मुसलिम धर्मावलंबियों ने इमाम हुसैन की याद में ताजिया जुलूस निकाला. इसमें शामिल लोग या अली, या हुसैन के नारे लगाते हुए चल रहे थे. शहर में चार जगहों से ताजिया निकाला गया तथा शहर का भ्रमण किया. पुरनदाहा, गुलीपाथर, हिरणा व जून पोखर से निकाले गये अखाड़े में मुख्य चौक-चौराहाें पर युवाओं ने हैरतअंगेज खेल का प्रदर्शन किया. इस संबंध में अतिकुर्र रहमान ने कहा कि 12 व 13 सितंबर को क्रमश: गुलीपाथर व हिरणा में भव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा.
इसमें संताल परगना के कई जिलों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे तथा तीन विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा. मुहर्रम से इस्लाम धर्म के नये साल की शुरुआत होती है. इस महीने की 10 तारीख को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. इस दिन को रोज-ए-आशुरा के नाम से जाना जाता है. 10वें मुहर्रम पर रोजा रखने की भी परंपरा है. उन्होंने कहा कि मुहर्रम कोई त्योहार नहीं है, बल्कि यह अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है.
ताजिया का शहर में कराया गया भ्रमण
गुलीपाथर को छोड़ सभी ने शाम सात बजे बाद ताजिया निकाला. पुरनदाहा से
ताजिया निकल कर हरदलाकुंड, नगर थाना, टावर चौक तक गया. वहां से पुन: वापस पुरनदाहा आकर समापन किया गया. इसे सफल बनाने में जमीर, मुमताज, इम्तियाज, जहीर, मोइन, जुनैद, नासिर, कमाल, जमाल आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी. हिरणा से ताजिया निकल कर सत्संग चौक, वीआइपी चौक, टावर चौक होते हुए पुन: इसी रोड से वापस लौटा. इसे सफल बनाने में आजाद खान, मो इसराइल, लल्लू, बैजू शेख, सिकंदर, सलीम आदि ने महती भूमिका निभायी.
जूनपोखर से निकल कर डोमासी चौक, प्राइवेट बस स्टैंड, शिवलोक परिसर होते हुए टावर चौक तक पहुंचा. वहां से पुन: इसी रोड से वापस आयेगा. इसे सफल बनाने में बुलंद अख्तर, अफसर आलम, गुड्डू, जावेद, सहबाज, आलम आदि दर्जनों लोगों ने महती भूमिका निभायी. गुलीपाथर से दो चरणों में ताजिया निकाला. यह सुबह लगभग नौ बजे व शाम पांच बजे तजिया जुलूस निकाल कर सत्संग नगर गेट तक पहुंचा. पुन: इसी रोड से वापस आया. इसे सफल बनाने में मुजावर, कुद्दूस, जमाल, कलीम, आजाद, राजू, इसराफिल, समीर आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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