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गिरिडीह के अपर लोक अभियोजक से फ्लैट देने के नाम पर 10.50 लाख ठगी

नगर थाने में एफआइआर दर्ज, आरोपित बनाये गये लातेहार निवासी आशीष कुमार वाग देवघर : गिरिडीह सिविल कोर्ट में कार्यरत अपर लोक अभियोजक कास्टर टाउन निवासी अजय कुमार साह ने रांची के बरियातु स्थित अपार्टमेंट में फ्लैट दिलाने के नाम पर 10, 50, 000 रुपये की ठगी किये जाने का एफआइआर नगर थाने में दर्ज […]

नगर थाने में एफआइआर दर्ज, आरोपित बनाये गये लातेहार निवासी आशीष कुमार वाग

देवघर : गिरिडीह सिविल कोर्ट में कार्यरत अपर लोक अभियोजक कास्टर टाउन निवासी अजय कुमार साह ने रांची के बरियातु स्थित अपार्टमेंट में फ्लैट दिलाने के नाम पर 10, 50, 000 रुपये की ठगी किये जाने का एफआइआर नगर थाने में दर्ज कराया है. मामले में नवरंग चौक रेलवे स्टेशन रोड लातेहार निवासी आशीष कुमार वाग को आरोपित बनाया गया है. जिक्र है कि अजय अक्तूबर 1990 से सितंबर 1998 तक लातेहार कोर्ट में सहायक लोक अभियोजक के पद पर कार्यरत थे.

वहीं लकड़ी व्यवसाय करने वाले आशीष से परिचय हुई. 20 जून 2013 में दुमका में कार्यरत थे, तभी आशीष से अचानक देवघर में मुलाकात हो गयी. बताया कि वीआइपी चौक के समीप के ऑटो पार्टस विक्रेता मोहन वर्णवाल रांची में साथ में पढ़ते थे. उन्हें लकड़ी दिया हूं, उसी सिलसिले में यहां आया हूं. बातचीत के क्रम में आशीष ने बताया कि रांची के बरियातू में अपार्टमेंट का काम करता है. जान-पहचान बढ़ती गयी और वह डेरा पर भी आया. अपार्टमेंट का रेट 2500 रुपये प्रति वर्गफीट चलने की बात कही, किंतु 2000 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से दिलाने का आश्वासन दिया.

कहा कि फ्लैट एग्रीमेंट नहीं होने तक रुपयों का 15 प्रतिशत ब्याज भी देगा. उसके झांसे में आकर वर्ष 2013 में फ्लैट लेने के लिये आशीष को अजय ने अलग-अलग पांच चेक द्वारा पांच लाख रुपये का भुगतान कर दिया. बराबर आश्वासन देता रहा. 2014 में एक बार उसने 15 प्रतिशत की दर से 84000 रुपया क्षतिपूर्ति दिया. 15 दिसंबर 2014 को फोन कर आशीष ने जल्द काम होने का आश्वासन देते हुए सात लाख रुपये की मांग की. इसके बाद अजय ने पत्नी सीमा देवी के आइडीबीआइ एकाउंट से आशीष के एसबीआइ एकाउंट में तीन लाख रुपये एनइएफटी किया.

अपने एसबीआइ दुमका के एकाउंट से 2, 50000 रुपये एनइएफटी कर दिया. मार्च 2015 में फोन करने पर आशीष टाल-मटोल करने लगा. 10 सितंबर 2015 से 06 जनवरी 2018 तक 15 प्रतिशत की दर से क्षतिपूर्ति 265000 रुपये उसके एकाउंट में भेजा. इस बीच उसके परिचित व भाई असीम वाग से परिचय हुई. असीम ने पांच मई 2018 से 31 दिसंबर 2018 तक 15 प्रतिशत की दर से 150000 रुपये क्षतिपूर्ती एकाउंट में दिया और कहा कि अप्रैल तक आशीष क्षतिपूर्ति के साथ पूरा रुपया वापस कर देगा. अब उसे विश्वास है कि फ्लैट दिलाने के नाम पर आशीष ने पूरी रकम की ठगी कर ली है.

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