देवघर : एसबीआइ के जसीडीह स्थित चकाई मोड़ एटीएम में बिना छेड़छाड़ व लॉक तोड़े 51 लाख 14 हजार 500 रुपये गायब करने के मामले का खुलासा देवघर पुलिस ने कर लिया है. एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि एटीएम से एसबीआइ कैश एडमिनिस्ट्रेशन सेल (सीएसी) के अधिकारियों ने आउटसोर्सिंग सीएमसी कनेक्टिंग कॉमर्स कंपनी के मैकेनिकल इंजीनियर व सिक्योरिटी गार्ड की मिलीभगत से रुपये गायब कराये थे. गायब रुपयों में से नकद 12 लाख रुपये बरामद कर लिया गया है.
वहीं इस मामले में आउटसोर्सिंग कंपनी के इंजीनियर बिहार अंतर्गत भोजपुर जिले के तरारी थाना क्षेत्र अंतर्गत बुड़ीजेठवार गांव निवासी विजय कुमार सिंह व एटीएम के सिक्योरिटी गार्ड जसीडीह थाना क्षेत्र के शंकरी गांव निवासी मनोज मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. गायब रुपयों में से सात लाख विजय के पास से मिला व पांच लाख रुपये मनोज के पास थे. पूछताछ में पुलिस को इन दोनों ने बताया कि बाकी रुपये कैश एडमिनिस्ट्रेशन सेल (सीएसी) के डिप्टी मैनेजर संजय कुमार केसरी के पास है.
मामले में पुलिस ने संजय व सहायक मैनेजर वृंदा प्रसाद को दो दिन पूर्व ही जेल भेजा है, जबकि वरीय सहायक चंद्रशेखर सुधांशु फरार चल रहे हैं. पुलिस सुधांशु की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है. बाकी रुपयों की बरामदगी के लिए जेल भेजे गये आरोपित संजय व वृंदा को पुलिस जल्द रिमांड में लेगी.
चैनल मैनेजर व अन्य बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
एसपी ने यह भी बताया कि मामले में एसबीआइ चैनल मैनेजर प्रशांत कुमार के अलावा अन्य वरीय बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है, जिसकी जांच करायी जा रही है. एसपी ने कहा कि पुलिस जांच में जो भी इस मामले में दोषी पाये जायेंगे, कोई नहीं बचेंगे. उन्होंने प्रेस वार्ता में मौजूद एसबीआइ अधिकारियों से कहा कि उनकी विजिलेंस टीम की जो रिपोर्ट आयी, उसे उपलब्ध कराया जाये. वहीं आरोपित बैंक अधिकारियों पर जो विभागीय कार्रवाई होगी, उसकी भी कॉपी पुलिस को दी जाये. प्रेस वार्ता के दौरान जसीडीह थाना प्रभारी डीएन आजाद के अलावा एसबीआइ आरएम पंकज कुमार झा, आरबीओ के मुख्य प्रबंधक अशोक कुमार तिवारी व चैनल मैनेजर प्रशांत कुमार भी मौजूद थे.
आउटसोर्सिंग इंजीनियर को पासवर्ड देकर गायब कराया गया रुपये
एसपी ने बताया कि पुलिस को अनुसंधान में पता चला कि एटीएम का पासवर्ड वृंदा प्रसाद व चंद्रशेखर सुधांशु के पास रहता था. सीएसी के डिप्टी मैनेजर संजय के पास पासवर्ड नहीं रहना चाहिए, बावजूद उसे पासवर्ड की जानकारी कैसे हुई, यह जांच का विषय है. यह भी पता चला है कि पासवर्ड आउटसोर्सिंग इंजीनियर विजय को दे दिया गया, तभी उसने आसानी से एटीएम तोड़े बगैर व किसी तरह की छेड़छाड़ किये बिना पैसे गायब कर दिये.
संजय पर लगते रहे हैं आरोप, फिर भी बन गये सीएसी के डिप्टी मैनेजर
जसीडीह थाना प्रभारी डीएन आजाद ने एसपी को बताया कि संजय कुमार केसरी जब रोहिणी एसबीआइ शाखा में कार्यरत थे, तब वहां से आरोप लगने के बाद उन्हें हटाया गया था. जामताड़ा एसबीआइ शाखा से साइबर अपराधी के साथ सांठगांठ के आरोप में उन्हें हटाया गया था. मधुपुर शाखा से उन्हें नोटबंदी के दौरान पैसा अदला-बदली कराने के आरोप में हटाया गया था. यह सब जानते हुए भी एसबीआइ द्वारा उन्हें कैसे सीएसी का डिप्टी मैनेजर बना दिया गया.
सिक्योरिटी गार्ड ने प्रशांत को फोन किया था, नहीं लिया गंभीरता से
पुलिस को जांच में पता चला है कि जब एटीएम से रुपये निकालकर आउटसोर्सिंग इंजीनियर निकल रहा था, तब सिक्योरिटी गार्ड मनोज ने उसे चैनल मैनेजर प्रशांत को कॉल करने को कहा था. उसने बाद में बात करने की बात कही, तो मनोज ने चैनल मैनेजर को कॉल कर जानकारी दी थी कि विजय एटीएम से बैग टांगकर निकल रहा है. इस पर चैनल मैनेजर ने गंभीरता नहीं दिखायी. इसकी जानकारी सिक्योरिटी गार्ड मनोज ने पुलिस को पूछताछ में दी है. उससे पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की थी, तभी उसने पूरी जानकारी दी, तब पुलिस विजय को गिरफ्तार करने गयी.
एसबीआइ विजिलेंस टीम कर रही है जांच
एसपी के प्रेस वार्ता में मौजूद आरएम पंकज कुमार झा ने कहा कि एसबीआइ की विजिलेंस टीम भी मामले की जांच कर रही है. रिपोर्ट मिलने के बाद बैंक आरोपित अधिकारियों से रुपयों की रिकवरी करेगी.