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शिवभक्तों के धैर्य, प्रशासन की व्यवस्था व शहरवासियों के समर्पण की हुई कड़ी परीक्षा

देवघर : सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबाधाम में कांवरियों की अप्रत्याशित भीड़ रही. रूट लाइन तिवारी चौक से बरमसिया, नंदन पहाड़, सिंघवा, कुमैठा स्टेडियम तक कांवरियों का रेला रविवार शाम से सोमवार रात तक एक जैसा रहा. सोमवारी पर जलार्पण करने वाले कांवरियों को 12 से 14 घंटे तक कतार में रहना पड़ा. इसके […]

देवघर : सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबाधाम में कांवरियों की अप्रत्याशित भीड़ रही. रूट लाइन तिवारी चौक से बरमसिया, नंदन पहाड़, सिंघवा, कुमैठा स्टेडियम तक कांवरियों का रेला रविवार शाम से सोमवार रात तक एक जैसा रहा. सोमवारी पर जलार्पण करने वाले कांवरियों को 12 से 14 घंटे तक कतार में रहना पड़ा. इसके बाद जलार्पण कर पाये. इस दौरान कांवरियों के धैर्य की परीक्षा होती रही, लेकिन उनकी आस्था डिगी नहीं.

सुल्तानगंज से बाबाधाम तक 105 किमी की पैदल यात्रा के बाद करीब 15 किमी दूर जाकर कतार में लगना और फिर वापस 15 किमी तय कर बाबा मंदिर तक पहुंचना हठ योग से कम नहीं है. बावजूद भक्त बोल बम का जयघोष के साथ आगे बढ़ते रहते हैं. कतार में लगी महिलाएं अपने-अपने तरीके से बाबा के गीत गाकर उन्हें याद कर रही थी. भारत के विभिन्न प्रांतों से आये श्रद्धालुओं का वेशभूषा देख ऐसा लगा कि लघु भारत की संस्कृति बाबा नगरी में उतर आयी हो. हाथ व गले में चांदी का बड़ा छल्ला, लंबी घुंघट लिए महिला कांवरिये भी रूट लाइन में खड़ा होकर जलाभिषेक का इंतजार करती रही.
भले ही कांवरियों का पहनावा एक जैसा नहीं था, बल्कि बाबा के प्रति उनकी आस्था साफ-साथ झलक रही थी. कांवरियों के इतने भीड़ का आकलन प्रशासन द्वारा भी नहीं किया गया था. लेकिन, कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने में जिला प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी के साथ काम किया. नतीजा जहां रूट लाइन में कांवरियों की प्रवाह लगातार आगे बढ़ती रही. बाबा पर जलार्पण के लिए कांवरियों की कतार रविवार की रात करीब दस बजे से लगना शुरू हो गया था.
समय बीतने के साथ ही कांवरियों की भीड़ रूट लाइन में बढ़ती चली गयी. प्रशासनिक स्तर पर लगाये गये सूचना शिविर के माध्यम से कांवरियों के लिए लगातार सूचनाएं प्रसारित किया जा रहा था. कांवरियों की सुविधा व सुरक्षा में कोई चूक नहीं हो. इसके डीसी व एसपी द्वारा दंडाधिकारियों, अधिकारियों व पुलिस के जवानों को लगातार निर्देश भी दिया जा रहा था.

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