देवघर : यूं तो मंत्रियों या अन्य जनप्रतिनिधियों का अपने निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी कार्यक्रम का बहाना बनाना आम बात हो चली है. कुछ ऐसा ही बहाना केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बनाया है. दरअसल देवघर में दो दिवसीय ब्राह्मण महासमागम 15 जून से शुरू हो रहा है. सूत्रों […]
देवघर : यूं तो मंत्रियों या अन्य जनप्रतिनिधियों का अपने निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी कार्यक्रम का बहाना बनाना आम बात हो चली है. कुछ ऐसा ही बहाना केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बनाया है. दरअसल देवघर में दो दिवसीय ब्राह्मण महासमागम 15 जून से शुरू हो रहा है.
सूत्रों के अनुसार, मंत्री जी इस ब्राह्मण महासमागम में बतौर अतिथि शिरकत करेंगे. लेकिन अपने निजी दौरे को उन्होंने सरकारी बनाने के लिए रविवार 16 जून की सुबह देवघर एम्स की समीक्षा बैठक व स्थल निरीक्षण का कार्यक्रम रख दिया है.
जबकि रविवार को प्रशासनिक महकमे में अवकाश रहता है. अहम यह है कि बैठक तो मंत्री जी ने रख दिया है लेकिन वे किसके साथ बैठक करेंगे? देवघर के प्रशासनिक अधिकारी या सिविल सर्जन के साथ बैठक करके वे एम्स की क्या समीक्षा करेंगे. इस बैठक में न तो दिल्ली से कोई पदाधिकारी आ रहे हैं और न ही एम्स प्रबंधन का कोई भी अधिकारी देवघर में रहता है. दूसरी ओर रविवार को छुट्टी का दिन है कई अफसर नहीं रहेंगे. इस तरह की बिना अधिकारी वाली बैठक करके मंत्री जी देवघर एम्स की क्या समीक्षा करेंगे ? दरअसल, यह दौरा केंद्रीय मंत्री श्री चौबे का सरकारी खर्च पर निजी कार्यक्रम में शिरकत करने की तकनीक है.
उधर, केंद्रीय मंत्री के अचानक सरकारी कार्यक्रम तय कर देने से प्रशासनिक महकमे में ऊहापोह की स्थिति है. इस बैठक में आने के लिए गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को भी आमंत्रित किया गया है. उनसे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दिल्ली की व्यस्तता के कारण वे इस बैठक में शामिल नहीं हो पायेंगे.