देवघर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय महेश चंद्र वर्मा की अदालत ने मंगलवार को सिंहानिया अपहरण व हत्याकांड में फैसला सुनाया. इस मामले के आठ विचाराधीन आरोपितों में से चार आरोपितों कन्हैया चौधरी, रूपेश सिंह, चंदन सिंह तथा सोनू कुमार सिंह को अपहरण की साजिश में शामिल होने का दोषी करार दिया, जबकि इन चारों को हत्या के आरोपों से मुक्त करार दिया गया.
दोषी पाये गये इन चार आरोपितों को 11 जुलाई को सजा बिंदु पर सुनवाई होगी, पश्चात सजा सुनायी जायेगी. इस मामले के अन्य चार आरोपितों आशीष कुमार गौतम, चुन्नी तिवारी, बबलू तिवारी तथा प्रणव देव को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया. रिहा हुए तीन आरोपित पूर्व से जमानत पर थे. एक आरोपित आशीष कुमार गौतम कारा में बंद है. अन्य सभी चारों आरोपितों को जमानत नहीं मिली है.
क्या था मामला
नगर थाना क्षेत्र के कालीराखा स्थित बाट फैक्टरी से कास्टर टाउन लौटते समय चर्चित बाट व्यवसायी एनके सिंहानिया का अपहरण 19 मार्च 2011 को अपहरण कर लिया गया था. इस घटना में उनके पुत्र सुरेंद्र कुमार सिंहानिया के बयान पर नगर थाना कांड संख्या 74/11 अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध दर्ज हुआ था. इसमें अपहरण की धारा 364 ए लगायी गयी थी. अपहरण फिरौती की नीयत से किया गया था.
वे रिक्शा से अपने आवास पर लौट रहे थे, तो इस घटना को अंजाम दिया गया था. अपहरण के बाद कई दिनों तक सुराग नहीं मिला. बाद में बिहार राज्य से सटे सीमांत प्रांत के एक नदी में तीन खंडों में विभक्त मानव शरीर मिला था. पुलिस ने अपहृत एनके सिंहानिया का शव मान कर अनुसंधान आरंभ किया. बाद में बिजनेसमैन के परिजनों से सिंहानिया के शव होने से इनकार किया. पुलिस ने परिजनों का डीएनए टेस्ट कराया और सूचक के पिता का ही शव होने की पुष्टि हुई. इसमें कुल 12 आरोपितों के नामों का खुलासा हुआ. कुल 16 लोगों ने अभियोजन पक्ष से घटना के समर्थन में गवाही दी. इस मामले में बचाव पक्ष से अधिवक्ता अमर सिंह व गोपाल शर्मा तथा अभियोजन की ओर से अपर सहायक लोक अभियोजक बीरेंद्र कुमार सिंह ने पक्ष रखे.