देवघर : केंद्र सरकार की एडीआइपी योजना के तहत केकेएन स्टेडियम दिव्यांग यंत्र वितरण सह जांच शिविर का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने किया तथा जिले के 182 दिव्यांगजनों के बीच सहायक उपकरण व यंत्र बांटे. इनमें ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, बैशाखी, ईयर मशीन, टहलने की छड़ी, मिक्स किट व बरेली कन फोलिंग शामिल है. सांसद के हाथों उपकरण पाकर दिव्यांगजनों में काफी खुशी देखी गयी तथा उनकी आंखों में आगे बढ़ने की उम्मीद दिख रही थी. साथ ही शिविर में दर्जनों लोगों की दिव्यांगता की जांच भी की गयी.
सरकार की सोच, सभी तक पहुंचे मदद : सांसद
कार्यक्रम में सांसद डॉ निशिकांत ने कहा कि सरकार की सोच है कि सभी लोगों तक मदद पहुंचे. चाहे वह दिव्यांग हो या फिर समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति. केंद्र व राज्य सरकार की धारणा सबका साथ सबका विकास करना है और कर भी रही है. उन्होंने आमलोगों से कहा कि दिव्यांग बच्चे हमारे ही घर-परिवार के सदस्य हैं. इनका हौसला बढ़ाना जरूरी है, वे भी आम लोगों की तरह विकास की राह पकड़ लें. सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जानकारी नहीं होने से कई दिव्यांग उसके लाभ से वंचित रह जाते हैं. उन्होंने कहा कि जिले में अधिकारी द्वारा सही सर्वे नहीं होने के कारण आज इतने कम लोगों को उपकरण मिल सका है.
साथ ही कहा कि अधिकारी फरवरी तक अधिक से अधिक दिव्यांग का प्रखंड स्तर पर सर्वे कर उपकरण उपलब्ध करायें. साथ ही कहा कि गोड्डा में अगला कार्यक्रम किया जायेगा, जहां करीब सात सौ लोगों काे उपकरण दिया जायेगा. साथ ही यह भी कहा कि समाज के जागरूक दिव्यांग को भी चाहिए कि योजनाओं की जानकारी अपने दूसरे साथी तक पहुंचाएं, ताकि वे भी इसका लाभ ले सकें. इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी परमेश्वर मुंडा, एमको मैनेजर रविंद्र नाथ मिश्र, डॉ आरपी सिंह, सभी प्रखंड के सीडीपीओ, राकेश राय, अशोक कुमार, सुशील पांडे, सरीता कुमारी, पूनम कुमारी, सांसद प्रतिनिधि प्रिंस सिंघल, भाजयुमो जिला अध्यक्ष अभय आनंद झा, हरि किशोर सिंह, विपीन मिश्रा समेत अन्य थे.
स्कूटी मिल जाती, तो पूरी कर पाते पढ़ाई
मुझे ट्राइसाइकिल दी गयी है. इससे हम घोरमारा से देवघर पढ़ाई के लिए नहीं आ सकते है, यदि मुझे स्कूटी मिल जाती, तो आगे की पढ़ाई कर पाते. बाजला कॉलेज से इंटर साइंस की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं.
– मीना कुमारी, बांक, मोहनपुर
बाजला कॉलेज से ग्रेजुएशन कर चुके हैं. आगे कुछ करने के लिए पढ़ाई जारी रखना अतिअावश्यक है. ट्राइसाकिल से मोहनपुर से देवघर आने में काफी परेशानी होगी.
सबिता कुमारी, घोरमारा, मोहनपुर
सरकार की ओर से यदि स्कूटी मिल जाये, तो पढ़ाई कर नौकरी कर पायेंगे. इससे समाज के लिए भी कुछ कर सकेंगे. ट्राइसाइकिल से देवघर आकर पढ़ाई करना काफी मुश्किल है.
सबिता कुमारी, रिखिया, मोहनपुर
आज दिव्यांग किसी से कम नहीं हैं. उनके पास हुनर काफी हैं, उन्हें सिर्फ दिशा दिखाने वाला चाहिए. मुझे पढ़ाई करने में काफी परेशानी हो रही थी. ट्राइसाइकिल मिलने से अब कॉलेज में क्लास भी कर सकेंगे और पढ़ाई बाधित नहीं होगी.
संदीप कुमार मंडल, चित्तोलोढ़िया, देवघर