गोड्डा : डीआरडीए के सभागार में शनिवार को स्वास्थ्य निदेशक डॉ सुमंत मिश्रा व कालाजार स्टेट नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार ने समीक्षा बैठक की. कार्यक्रम में संताल परगना के कालाजार प्रभावित चार जिले गोड्डा के अलावा दुमका, साहिबगंज व पाकुड़ के सिविल सर्जन तथा जिला मलेरिया विभाग के पदाधिकारियों ने भाग लिया.
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि कालाजार की रोकथाम के लिए सबों को भगीरथ प्रयास करने की जरूरत है. वर्ष 2017 में कालाजार उन्मूलन के लिए लगभग सभी जिलों ने बेहतर काम किया. हम वैसी जगह पर पहुंच चुके हैं, जहां पर कालाजार के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है. केवल कालाजार छिड़काव कार्यक्रम को सही ढंग से करने की जरूरत है. आंशिक छिड़काव को कम करने की आवश्यकता है. पोड़ैयाहाट व पाकुड़ में कालाजार के रोगी अधिक मिल रहे हैं. यहां अच्छे ढंग से काम करें. स्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि केवल आरके 39 से कालाजार का इलाज नहीं करना है. कोई संदेह या पुराना केस हो तो रोगी को सदर अस्पताल रेफर करें. अस्पताल में गठित कालाजार जांच टीम पहले मलेरिया, सीबीसी, बीडाल टेस्ट करने के बाद आरके 39 का टेस्ट करें. डॉ मिश्र ने कहा कि कालाजार छिड़काव कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है. अगर इस कार्य में एमपीडब्लू द्वारा सुपरविजन कार्य में कोताही बरती जाती है तो उन पर कार्रवाई हो सकती है. स्टेट नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार ने सभी डीएमओ को टास्क देते हुए कहा कि 10 जून तक छिड़काव कार्य को पूरा कर लेना है. तभी कालाजार पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सकेगा.