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देवघर : बगैर ड्राइवर के बाबा मंदिर के एंबुलेंस

देवघर : बाबा मंदिर में भक्तों की सुविधा व आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए तीन एंबुलेंस रखे गये हैं, लेकिन मंदिर प्रबंधन ने आजतक इन एंबुलेंस को चलाने के लिए एक भी चालक बहाल नहीं किये हैं. मंदिर के एंबुलेंस को चलाने के लिए पुलिस लाइन से एक चालक नवीन यादव को प्रतिनियुक्त किया […]

देवघर : बाबा मंदिर में भक्तों की सुविधा व आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए तीन एंबुलेंस रखे गये हैं, लेकिन मंदिर प्रबंधन ने आजतक इन एंबुलेंस को चलाने के लिए एक भी चालक बहाल नहीं किये हैं. मंदिर के एंबुलेंस को चलाने के लिए पुलिस लाइन से एक चालक नवीन यादव को प्रतिनियुक्त किया गया है. वहीं मेंटेनेंस के अभाव में एंबुलेंस जर्जर हो रहे हैं. वर्तमान में मंदिर का सबसे पहला एंबुलेंस सुविधा केंद्र के समीप जर्जर हो रहा है. एंबुलेंस के रखने के लिए गैरेज तक नहीं है. बाबा मंदिर कार्यालय में एंबुलेंस को रखा गया है. वहीं इसका ज्यादातर उपयोग मंदिर में संचालित जेनेरेटर में डीजल लाने में उपयोग किया जाता है. मालूम हो कि तीनों एंबुलेंस मंदिर को दान में उपलब्ध कराया गया है.

एक एंबुलेंस का परमिट नहीं एक का रजिस्ट्रेशन फेल
बाबा मंदिर में संचालित एक एंबुलेंस का परमिट तक नहीं है. यही नहीं एक का इंश्योरेंस व रिजस्ट्रेशन भी फेल हो गया है. वहीं एक एंबुलेंस में अबतक नंबर तक नहीं लिखा गया है. नियमानुसार एमबुलेंस के परमिट के लिए दुमका आयुक्त कार्यालय में आवेदन देकर स्वीकृति लेने का प्रावधान है. रजिस्ट्रेशन हाेने के बाद इसे एक महिने के अंदर आवेदन का प्रावधान है. अन्यथा एक हजार से लेकर पांच सौ रुपये प्रति महीने के हिसाब से फाइन का प्रावधान है.
मेंटेनेंस के अभाव में जर्जर हो रहा
एक एंबुलेंस
पुलिस लाइन से एक ड्राइवर की प्रतिनियुक्ति से चल रहा काम
क्या कहते हैं प्रभारी
मंदिर प्रभारी अंजनी दुबे ने बताया कि जल्द एंबुलेंस के लिए ड्राइवर की बहाली की जायेगी व कागजी प्रक्रिया को भी पूरा करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया जायेगा.
क्या आप जानते हैं ?
मंिदर कर्मचािरयों के मानदेय पर खर्च होता है सलाना 50 लाख तक
मंिदर की व्यवस्था व तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की जरूरत होती है. बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भी पर्याप्त संख्या में कर्मचारी हैं. सफाईकर्मी से लेकर लेखापाल को मानदेय दिया जाता है. बाबा मंिदर की आमदनी का बड़ा हिस्सा कर्मचािरयों के मानदेय पर खर्च होता है. हालांकि यह जरूरत भी है.
आज हम क्या आप जानते हैं ? कॉलम में आपको बतायेंगे कि मंदिर के कर्मचारियों पर सलाना कितना खर्च होता है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में जहां इस मद में 50 लाख से अिधक खर्च हुआ. वहीं मानदेय बढ़ाने के कारण इस इस वित्तीय वर्ष में यह राशि काफी बढ़ गयी है. अब कर्मचािरयों के सैलेरी पर 60 लाख से अधिक खर्च होंगे. यानी इस वर्ष 10 लाख रुपये सैलेरी पर बढ़ाने का प्रस्ताव है.
कर्मचािरयों पर बीते तीन साल का खर्च
वित्तीय वर्ष : 2014-15
वित्तीय वर्ष : 2014-15
1,74,65,038 रुपये आय हुई
31,47,516 रु खर्च हुए
वित्तीय वर्ष : 2015-16
1,91,18,267 रुपये आय हुई
वित्तीय वर्ष : 2015-16
42,69,299 रुपये खर्च हुए
वित्तीय वर्ष : 2016-17
1,92,91,583 रुपये आय हुई
वित्तीय वर्ष : 2016-17
50,67,712 रुपये खर्च हुए
देवघर में नहीं खुला इंजीनियरिंग कॉलेज
फाइलों में अटका रह गया जमीन का प्रस्ताव
देवघर : वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य सरकार ने देवघर में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. सरकार ने बजटीय प्रावधान में इंजीनियरिंग कॉलेज लाया था, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी देवघर में इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुल पाया. हालांकि सरकार की घोषणा के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने जिला प्रशासन से देवघर में जमीन का प्रस्ताव मांगा था. जिला प्रशासन ने मोहनपुर अंचल के ढीबरीसार मौजा में 20 एकड़ परती कदीम जमीन इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए चयन कर प्रस्ताव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भेज दिया, लेकिन विभाग से इस कॉलेज के निर्माण की दिशा कोई पहल नहीं की गयी है. इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रस्ताव फाइलों में धूल फांक रही है. देवघर के छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आज भी दूसरे राज्यों में जाते हैं.

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