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पैक्स में नहीं बिक रहा धान, लुट रहे जिले के किसानइ

औने-पौने भाव में व्यापारियों को धान बेचने को मजबूर हैं किसान देवघर : सरकारी दर पर किसानों से धान खरीदारी की योजना इस वर्ष भी पिछड़ रही है. जिले भर में कुल 49 पैक्सों में धान क्रय केंद्रों की स्वीकृति विभाग ने दी है. सभी 49 पैक्सों में धान खरीदारी एक जनवरी शुरू हो जानी […]

औने-पौने भाव में व्यापारियों को धान बेचने को मजबूर हैं किसान

देवघर : सरकारी दर पर किसानों से धान खरीदारी की योजना इस वर्ष भी पिछड़ रही है. जिले भर में कुल 49 पैक्सों में धान क्रय केंद्रों की स्वीकृति विभाग ने दी है. सभी 49 पैक्सों में धान खरीदारी एक जनवरी शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन महज नौ पैक्सों में ही धान खरीदारी शुरू हो पायी है. जिले भर में 8,412 किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ, इसमें महज 24 किसानों से ही धान की खरीदरी हो पायी है. सरकार ने पैक्सों में प्रति क्विंटल 1700 रुपये की दर से धान खरीदारी का लक्ष्य रखा है, लेकिन विभाग की जटिल तकनीकी प्रक्रिया की वजह से किसानों का पैक्सों से मोह भंग होने लगा है. किसान खुले बाजार व हाट में औने-पौने दर पर धान बेचने को मजबूर है.
हाट व बाजार में 1200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बिचौलिये खरीद रहे हैं. इससे किसानों को प्रति क्विंटल पांच सौ रुपये का नुकसान हो रहा है. विभागीय उदासीनता की वजह है कि देवघर राज्य में धान खरीदारी में सबसे पीछे है. देवघर में कुल 1.40 लाख क्विंटल धान खरीदारी का लक्ष्य है, इसमें 1200 क्विंटल धान की खरीदारी हो चुकी है. जिन 24 किसानों ने धान पैक्सों में दिया है, उनका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है.
टैब की वजह से एसएमएस भेजना बंद
नयी तकनीकी प्रक्रिया में किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर एसएमएस के जरिये धान बेचने की सूचना तक दी जानी है. जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, टैब के माध्यम से पैक्स अध्यक्ष उन किसानों का रजिस्ट्रेशन करेंगे. उसके बाद टैब के माध्यम से पासवर्ड के जरिये किसानों को मैसेज भेजा जायेगा. मैसेज प्राप्त होने के बाद ही किसान धान बेचने पैक्स में आयेंगे, लेकिन पैक्सों को अब तक टैब नहीं दिया गया है. कोई भी पैक्स अध्यक्ष बगैर एसएमएस भेजे धान की खरीदारी करने से परहेज कर रहे हैं. पैक्सों में मॉइश्चर मशीन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है, इस मशीन से धान की नमी की मापी के बाद ही खरीदारी का प्रावधान है.

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