देवघर : मधुपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक बनने वाला रेल ओवरब्रिज का सामाजिक व आर्थिक सर्वेक्षण मधुपुर ब्लॉक मैदान में तीन व चार दिसंबर संपन्न हुआ. सर्वेक्षण के दौरान बुनियादी सुविधाओं, जनसांख्यिकी प्रोफाइल व क्षेत्रीय विकास की चर्चा की गयी. इस दौरान लोगों के जरूरत का आकलन व वैकल्पिक जीविका उत्पादन में शामिल हितधारकों का साक्षत्कार भी किया गया.
सर्वेक्षण के बाद भूमि अर्जन विभाग द्वारा विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, नया रेल ओवरब्रिज के निर्माण से स्थानीय लोगों को जाम से निजात मिलेगी. दुर्घटनाओं में कमी आयेगी. यह निर्माण अवधि के दौरान रोजगार भी मिलेगा. निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण आवश्यक है.
लाइफलाइन सािबत होगा…
इस परियोजना में लोगों को अपने घर और व्यापार स्थान के साथ-साथ आजीविका के आधार पर जगह मिल पायेगी. एक तरह यह जीविका का लाइफ लाइन होगा. इस परियोजना में सबसे कम जमीन की आवश्यकता रखने का प्रयास किया गया है. परियोजना की वजह से आवासीय भवनों के स्थानांतरण के लिए मुआवजा का भुगतान किया जायेगा. सर्वेक्षण के अनुसार इस परियोजना से मधुपुर के स्थानीय लोगों को बहुत से लाभ मिलेंगे. पुल के डिजाइन के दौरान ही कम से कम जमीन अधिग्रहण कर सरकारी भूमि में ही इसे सीमित करने की योजना बनी थी. डिजाइन तैयार करने के दौरान स्थानीय लोगों व प्रभावित समुदाय से सुझाव लिया गया था. भूमि अधिग्रहण कार्य पूर्ण हाेते ही निर्माण कार्य को चालू कर दिया जायेगा.
प्रभावित परिवारों को मिलेगा मुआवजा
भू-अर्जन विभाग का मूल्यांकन आ चुका है. मधुपुर के लोगों के लिए यह रेल ओवरब्रिज वरदान साबित होगा. ओवरब्रिज निर्माण में महज 12 परिवार थोड़ा अधिक प्रभावित होंगे, सरकार उन परिवारों को मुआवजा देगी. यह ओवरब्रिज मधुपुर की लाइफलाइन बनेगा. इसमें लोगों को राजनीति से बिल्कुल परहेज करना चाहिए.
– निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा