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छह हजार क्विंटल धान के हिसाब में गड़बड़ी

देवघर: वित्तीय वर्ष 2016-17 में देवघर जिले में नेकॉफ संस्था ने पैक्सों के माध्यम से खरीदे गये धान में लगभग छह हजार क्विंटल धान के हिसाब गड़बड़ी मिली है. नेकॉफ संस्था ने आपूर्ति विभाग को पत्र लिख कर कहा था कि किसानों से खरीदे गये धान व पैक्सों से राइस मिल भेजे गये धान में […]

देवघर: वित्तीय वर्ष 2016-17 में देवघर जिले में नेकॉफ संस्था ने पैक्सों के माध्यम से खरीदे गये धान में लगभग छह हजार क्विंटल धान के हिसाब गड़बड़ी मिली है. नेकॉफ संस्था ने आपूर्ति विभाग को पत्र लिख कर कहा था कि किसानों से खरीदे गये धान व पैक्सों से राइस मिल भेजे गये धान में अंतर है. नेकॉफ ने खाद्य आपूर्ति विभाग से लाखों रुपये अतिरिक्त भुगतान करने का दावा कर दिया था.

उसके बाद खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2016-17 में धान खरीदारी करने वाले 43 पैक्स अध्यक्षों को नोटिस भेजा गया था. नोटिस का जवाब आने के बाद पाया गया कि जिले के तीन पैक्स में छह हजार धान राइस मिल नहीं पहुंचाया गया है, इन पैक्सों के किसानों के बैंक खाते में नेकॉफ द्वारा भुगतान कर दिया गया है.

जिन तीन पैक्स में धान का अंतर पाया गया है, उसमें नया चितकाठ पैक्स में 5,650 क्विंटल, पुनासी पैक्स में 168 क्विंटल, बिंझा पैक्स में 155 क्विंटल धान रह गया है. सरकार के पास इन पैक्सों द्वारा धान अब तक पहुंचाया ही नहीं गया है और नेकॉफ भुगतान का दावा कर रही है. ऐसी परिस्थिति में जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय ने राज्य खाद्य आपूर्ति मुख्यालय को नेकॉफ व पैक्स अध्यक्ष के बीच हिसाब में गड़बड़ी की रिपोर्ट भेज दी गयी है. अब पूरी तरह से पैक्स अध्यक्ष व नेकॉफ बीच मामला फंसा हुआ है.
क्या था नेकॉफ का दावा
धान खरीदारी में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी संस्था नेकॉफ ने आपूर्ति विभाग को पत्र लिख कर कहा था कि धान का लगभग 80 लाख रुपये किसानों के खाते में भेज दिया गया है, लेकिन पैक्सों ने राइस मिलों तक धान नहीं पहुंचाया है. नेकॉफ ने विभाग से उक्त राशि पैक्सों द्वारा सरेंडर कराने का आग्रह किया था. नेकॉफ के इस पत्र के बाद विभाग ने आंतरिक जांच शुरू की थी.
नेकॉफ के दावे के बाद जांच में पाया गया कि तीन पैक्सों से लगभग छह हजार क्विंटल धान राइस मिलों तक नहीं पहुंचा है. सरकार को जब धान ही छह हजार क्विंटल नहीं मिला है, तो भुगतान विभाग क्यों करेगी. अगर नेकॉफ ने तीन पैक्सों के माध्यम से किसानों को भुगतान किया है, तो यह पूरी तरह से पैक्स अध्यक्ष व नेकॉफ के बीच का मामला है. इसमें विभाग की कोई भूमिका नहीं है. मुख्यालय में उच्चाधिकारी काे इससे संबंधित रिपोर्ट भेज दी गयी है.
– प्रवीण कुमार प्रकाश
डीएसओ, देवघर

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