लक्ष्य प्राप्ति की जल्दबाजी में नहीं हो फर्जीवाड़ा
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लक्ष्य प्राप्ति की जल्दबाजी में नहीं हो फर्जीवाड़ा
लक्ष्य प्राप्ति की जल्दबाजी में नहीं हो फर्जीवाड़ा देवघर : विकास भवन में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी अधिकारियों के साथ मनरेगा व जल छाजन की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त ने कहा कि मनरेगा में परिसंपत्तियों के निर्माण व गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना है. जिले में 2014 से अब तक 16,295 […]
देवघर : विकास भवन में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी अधिकारियों के साथ मनरेगा व जल छाजन की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त ने कहा कि मनरेगा में परिसंपत्तियों के निर्माण व गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना है. जिले में 2014 से अब तक 16,295 मनरेगा की योजनाएं लंबित हैं, इन योजनाओं को दिसंबर तक प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना है. लंबित योजनाओं में प्रगति कार्य 15 दिनों के अंदर लायें. प्रत्येक गांव में दो-तीन योजना पर कार्य चालू रखें.
उन्होंने सभी बीडीओ व बीपीओ को स्पष्ट निर्देश दिया कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गलत व फर्जी तरीके से मास्टर रोल तैयार कर काम न करें. ध्यान रहे कि लक्ष्य प्राप्ति की जल्दबाजी में फर्जीवाड़ा न हो व सही गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य पूर्ण किया जाये. मनरेगा में व्यक्तिगत व जल संरक्षण की योजना पर विशेष ध्यान देना है, जिसमें मुर्गी पालन, बकरी पालन, पशु शेड, फलदार वृक्षारोपण आदि है. पूरे राज्य में 99.99 फीसदी मनरेगा की व्यक्तिगत योजना ली गयी है. श्री त्रिपाठी ने समीक्षा में मजदूरों को डीबीटी के तहत भुगतान में देवघर की प्रगति पर संतोष प्रकट की, लेकिन मारगोमुंडा प्रखंड में डीबीटी संतोषजनक नहीं पाये जाने पर बीडीओ को नोटिस देने का निर्देश डीडीसी को दिया.
मजदूरी व मेटेरियल की राशि आयी
श्री त्रिपाठी ने बताया कि मजदूरों व मेटेरियल की बकाया राशि का भुगतान जल्द हो जायेगा. राज्य को 130 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. मजदूरों को देरी से भुगतान के मामले में आयुक्त ने कहा कि इस मामले में विचार किया जा रहा है.
जल छाजन में 20 करोड़ रुपये होंगे खर्च
श्री त्रिपाठी ने कहा कि जल छाजन में पूरे जिले में 20 करोड़ रुपये कुल छह प्रोजेक्ट में खर्च किये जायेंगे. इसमें चार योजना भूमि संरक्षण व दो योजना नाबार्ड के द्वारा खर्च की जायेगी. भूमि संरक्षण व नाबार्ड के पदाधिकारियों को 10 दिनों के अंदर जल छाजन से जुड़ी योजनाओं का डीपीआर बनाने का निर्देश दिया गया है. योजना की स्वीकृति होते ही कार्य चालू होगा. श्री त्रिपाठी ने बताया कि जल छाजन से प्रत्येक जिले में दो प्रोजेक्ट पर कुल 480 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें नियुक्तियां भी होगी. इस अवसर पर डीडीसी जन्मेजय ठाकुर, भूमि संरक्षण पदाधिकारी रामकुमार सिंह आदि थे.
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