जसीडीह : देवघर प्रखंड के धरवाडीह पंचायत स्थित सिंघो टोला गांव में आजादी के 70 साल बाद भी सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है. यहां के ग्रामीण बुनियादी समस्याओं का दंश झेल रहे हैं. इससे उनमें जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के प्रति काफी रोष देखा जा रहा है. गांव को मुख्य सड़क […]
जसीडीह : देवघर प्रखंड के धरवाडीह पंचायत स्थित सिंघो टोला गांव में आजादी के 70 साल बाद भी सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है. यहां के ग्रामीण बुनियादी समस्याओं का दंश झेल रहे हैं. इससे उनमें जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के प्रति काफी रोष देखा जा रहा है. गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए न तो सड़क का निर्माण कराया गया, न ही गांव में अबतक नाला बना है.
ग्रामीण उमाकांत मंडल, अनिल सोरेन, मणिकांत बेसरा, राजेश लोरेन, संजय मुर्मू, छोटेलाल किस्कू, छोटकी सोरेन, सुनिता मुर्मू, सोमती मुर्मू, बड़की बेसरा, अर्जुन सोरेन, संजी मरांडी आदि ने बताया कि गांव में विकास के नाम पर सिर्फ एक आंगनबाड़ी केंद्र, तीन चापानल व वर्ष 2008 में चार लोगों के इंदिरा आवास का लाभ मिला है. इसके बाद आजतक न तो किसी भी ग्रामीण को आवास योजना का लाभ मिल सका है और न ही किसी को शौचालय का लाभ मिला. इसके लिए ग्रामीण द्वारा जनप्रतिनिधि तथा प्रखंड में कई बार आवेदन कर चुके हैं. बावजूद समस्या का निदान नहीं हो सका है.
उन्होंने कहा कि आजतक गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण नहीं कराया गया है. गांव में नाला नहीं होने से घरों व चापानलों का गंदा पानी सड़क पर व जहां-तहां बहता है. इससे मच्छरों का काफी प्रकोप बढ़ गया है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है.
क्या कहते हैं मुखिया
ग्रामीणों की मांगें जायज हैं. गांव के कई हिस्से गोचर जमीन पर बसे हैं, इस कारण गांव में विकास कार्य प्रभवित हो जाता है. बाकी जो गोचर जमीन में नहीं है, वहां कार्य हो रहा है.
– विवेक राय, मुखिया, धरवाडीह पंचायत
क्या कहते है ग्रामीण
इंदिरा आवास नहीं मिलने के कारण किसी तरह गुजर-बसर करना पड़ रहा है. खपरैल के घर में बरसात के दिनों में पानी रिसता है. कई लोगों काे राशन कार्ड नहीं मिला है.
– चंद्रमुणि सोरेन
शौचालय नहीं रहने के कारण हम ग्रामीणों को प्रतिदिन खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. इससे ग्रामीणों को परेशानी होती है. इसके लिए कई बार आवेदन दिये बावजूद ग्रामीणों को शौचालय नहीं मिल सका है.
– बबलू किस्कू
गांव में पक्की सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में कच्ची सड़क कीचड़मय हो जाती है. ग्रामीण इसी सड़क से आवागमन करने को मजबूर होते है.
-रतन किस्कू