हालांकि इस कमेटी में निगम ने अपने अधीन ही अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंता को शामिल किया था व बाहर से केवल विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता व लेखा पदाधिकारी को शामिल किया गया, जबकि पीडब्ल्यूडी कोड के अनुसार जब भी कोई कमेटी टेंडर का निष्पादन करेगी तो उसमें अलग-अलग विभाग से कार्यपालक अभियंता शामिल रहेंगे.
बाहर से विद्युत विभाग के बजाये पथ निर्माण निर्माण विभाग, एनआरइपी, आरइओ, जिला परिषद व विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को इस कमेटी में शामिल करना था, लेकिन निगम द्वारा केवल आंतरिक कमेटी बनाकर टेंडर का निष्पादन करने से पारदर्शिता पर सवाल उठने लगा है. दिशा कमेटी की बैठक में सभी योजनाओं में टेंडर निष्पादन से लेकर कार्यान्वयन तक की जांच का निर्णय लिया गया है.