इसकी जानकारी प्रबंधक को दिया. पहली जुलाई को मामले की लिखित शिकायत भी दी थी, जिसकी पावती बैंक द्वारा तीन जुलाई को दी गयी. लेकिन अबतक बैंक के द्वारा इस संबंध में कोई शिकायत थाना को नहीं दी गयी. समाचार लिखे जाने तक नगर पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है. पूछे जाने पर नगर थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि पीएनबी के लॉकर से जेवरात गायब होने की शिकायत मिली है. मामले की जांच-पड़ताल के बाद ही प्राथमिकी की कार्रवाई की जायेगी.
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रिटायर एसइ की पत्नी ने थाना में दी शिकायत, लॉकर से जेवर गायब
देवघर: पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर में रखा एक ग्राहक के जेवरात गायब होने का मामला सामने आया है. इस संबंध में दूधकोठी के निकट बैजनाथपुर निवासी रिटायर एसइ परमेश्वर साह की पत्नी कृष्णा रानी साह ने जेवरात गायब होने की लिखित शिकायत नगर थाना में दी है. कृष्णा रानी का आरोप है कि बैंक […]
देवघर: पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर में रखा एक ग्राहक के जेवरात गायब होने का मामला सामने आया है. इस संबंध में दूधकोठी के निकट बैजनाथपुर निवासी रिटायर एसइ परमेश्वर साह की पत्नी कृष्णा रानी साह ने जेवरात गायब होने की लिखित शिकायत नगर थाना में दी है. कृष्णा रानी का आरोप है कि बैंक लॉकर में रखा सोने का एक सीताहार, एक नेकलेस, तीन जोड़ा झुमका, एक जोड़ा कंगन सेट, एक मांगटीका, एक नथिया, चार जेंटस चेन, दो लेडिज चेन, दो लेडिज अंगूठी, दो जेंटस अंगूठी, एक जोड़ा बेड़ा, एक जोड़ा चांदी बेड़ा, दो जोड़ा पायल, एक कमरबंध व दो जोड़ा बिछिया गायब हुआ है.
गायब जेवरात की कीमत उन्होंने करीब आठ से 10 लाख रुपये बतायी है. शिकायत में कहा है कि उक्त लॉकर संचालन पति के साथ संयुक्त रूप से करती हैं. पिछली बार लॉकर 11 नवंबर 2016 को पति के साथ खोली थी. उस वक्त सब ठीक था. इधर 20 जून 2017 को लॉकर से जेवरात लाने पति को भेजी थी. आने के बाद पति ने बताया कि लॉकर से जेवरात गायब है, इस संबंध में लॉकर खोलने के बाद पति ने प्रभारी से मौखिक शिकायत की तो उन्होंने एकाउंट होल्डर के साथ आने कहा. दूसरे दिन पुन: पति के साथ जाकर लॉकर देखने पर पाया कि कपड़े में बांध कर रखा जेवरात भरा स्टील डिब्बा व टेलकम पाउडर डिब्बा गायब है. आरोप लगायी है कि बिना लॉकर तोड़े किसी ने जेवरात का दोनों डिब्बा गायब कर दिया.
क्या कहते हैं पीनबी के वरीय शाखा प्रबंधक
पंजाब नेशनल बैंक देवघर शाखा के वरीय प्रबंधक बीके मिश्रा ने कहा बैंक व लॉकरधारी का संबंध मालिक-किरायेदार जैसा होता है. मास्टर चाबी बैंक के लॉकर प्रभारी के पास जरूर रहता है, लेकिन खोल देने के बाद वे हट जाते हैं. लॉकर में ग्राहक क्या रखते हैं क्या नहीं, इससे बैंक काे कोई लेना-देना नहीं रहता. उनके बैंक के लॉकर में कभी कुछ नहीं हुआ, इस तरह का पहला मामला सामने आया है.
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