छह वर्ष से सिंचाई विभाग के अतिथिशाला में चल रहा है सीबीआइ का कैंप कार्यालय
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सीबीआइ को देना होगा कैंप कार्यालय का 21 लाख किराया
छह वर्ष से सिंचाई विभाग के अतिथिशाला में चल रहा है सीबीआइ का कैंप कार्यालय देवघर : जून 2012 से देवघर भूमि घोटाला की जांच के लिए कैंप कर रही सीबीआइ धनबाद की टीम को सिंचाई विभाग में 21 लाख रुपये जमा करना होगा. सिंचाई विभाग के अधीन अतिथिशाला में सीबीआइ को कुल आठ कमरा […]
देवघर : जून 2012 से देवघर भूमि घोटाला की जांच के लिए कैंप कर रही सीबीआइ धनबाद की टीम को सिंचाई विभाग में 21 लाख रुपये जमा करना होगा. सिंचाई विभाग के अधीन अतिथिशाला में सीबीआइ को कुल आठ कमरा आवंटित किया गया है़ विभागीय नियमानुसार सरकारी पदाधिकारी व कार्यों के लिए प्रति कमरा 120 रुपये की दर से आवंटित की गयी है. 15 जून को सीबीआइ को आवंटित कैंप कार्यालय का छह वर्ष पूरा हो गया. इन छह वर्षों में कुल 21 लाख रुपया किराया होता है.
सीबीआइ को जिला प्रशासन के माध्यम से सिंचाई विभाग को उक्त राशि मुहैया करानी होगी. इससे संबंधित पत्र सीबीआइ को भेजी जा रही है. गृह विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने 2012 में सीबीअीइ धनबाद की टीम को सिंचाई अतिथिशाला मुहैया करायी थी. इस दौरान जिला प्रशासन ने सीबीआइ को वाहन व कंप्यूटर भी मुहैया कराया था. समय-समय पर प्रशासन व सिंचाई विभाग से मेंटनेंस का भी कार्य चलता रहा़
भूमि घोटाले की जांच में अब तक जमी है टीम : सीबीआइ धनबाद की टीम देवघर भूमि घोटाले की जांच में कैंप कार्यालय में अब तक जमी हुई है. कैंप कार्यालय में अभी भी कई जब्त मूल दस्तावेज मौजूद हैं. कैंप कार्यालय की सुरक्षा में राज्य सरकार से कई सुरक्षाकर्मियों को भी लगाया गया है. इस छह वर्षों के दौरान सीबीआइ के संयुक्त निदेशक से लेकर एसपी, डीएसपी व इंस्पेक्टर तक के अधिकारी का कैंप में आगमन हुआ. इसके अलावा सीबीआइ पटना की टीम भी जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री व नन-बैंकिंग की जांच में बीच-बीच में आती रही है.
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