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देवघर पुलिस की कोशिश लायी रंग, इस साल 239 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, जानें कैसे मिली सफलता

साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए देवघर की साइबर थाने की पुलिस लगातार अभियान चला रही है. साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस साल 20 सितंबर तक 263 दिनों में 239 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है

देवघर: साइबर अपराध को कम करने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है. जिसका सुखद परिणाम देखने को मिला है. रिपोर्ट की मानें तो देवघर साइबर पुलिस ने इस साल 20 सितंबर तक 263 दिनों में 239 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इन अपराधियों के खिलाफ साइबर थाना में 69 कांड दर्ज किये गये हैं. इन अपराधियों के पास से पुलिस ने 389 मोबाइल, 750 सिम कार्ड, 99 एटीएम कार्ड, तीन पासबुक, पांच लैपटॉप, नौ दोपहिया वाहन, 03 चारपहिया वाहनों के साथ नकद 3,90,000 रुपयों के अलावा एक नोट गिनने की मशीन, एक पैन कार्ड, चार- इग्लू टैंट व एक अमेरिकन डॉलर भी बरामद किये हैं.

मोबाइल व सिम भेजा गया था आइफोरसी, पता लगाया लिंक साइबर पुलिस ने गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से जब्त किये गये मोबाइल व सिम कार्ड को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा गठित आइफोरसी (इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर) भिजवा कर उसका एनालाइसिस क्राइम लिंक प्राप्त किया.

इसके बाद देवघर पुलिस ने संबंधित राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्राचार कर उनके यहां दर्ज कांड में रिमांड करवाने की दिशा में पहल की. यही वजह है कि अब तक कुल 48 साइबर अपराधियों को विभिन्न राज्यों की पुलिस उन्हें रिमांड पर ले गयी है. इसी बीच थाना की पुलिस साइबर अपराध से जुड़े 39 कांडों का निष्पादन अगस्त माह तक कर चुकी है. साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए सभी प्रकार के समन्वय तंत्र को मजबूत बनाने पर फोकस किया गया.

इसमें सभी सेवा प्रदाताओं, बैंक नोडल, इ-वॉलेट, डिजिटल वॉलेट के नोडल पदाधिकारी के साथ समय-समय संपर्क कर कानूनी तौर पर कार्रवाई की जा रही है. जागरुकता अभियान ने तोड़ा अपराधियों का मनोबल साइबर अपराध में लिप्त अपराधियों के खिलाफ चलाये गये साइबर जागरुकता अभियान ने जहां अपराधियों का मनोबल तोड़ा, वहीं सामाजिक सहयोग ने देवघर पुलिस को इस अभियान में काफी मदद की.

प्रभावित क्षेत्रों में साइबर अपराध में लिप्त लोगों का सामाजिक बहिष्कार और माता-पिता के लिए जागरुकता अभियान काफी सफल रहा. पहले जहां साइबर अपराधियों के बचाव में घर वाले व ग्रामीण एकजुट हो जाते थे, आज वही पुलिस को साइबर अपराधियों की सूचनाएं देकर अपराध पर रोक लगाने में साथ दे रहे हैं. बाक्स्… साइबर सुरक्षा के नाम से यूट्यूब चैनल भी साइबर पुलिस की ओर से लोगों को साइबर अपराध से बचाव व इसकी जागरुकता के लिए यूट्यूब चैनल चलाया जा रहा है.

साइबर सुरक्षा के नाम से इस चैनल में लोगों को साइबर क्राइम से जुड़ी जरूरी जानकारियां उपलब्ध करायी जा रही है. इस चैनल से लगभग 07.31 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं. देशभर के तकरीबन 1.80 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं.

कहते हैं साइबर डीएसपी

पहले के मुकाबले साइबर अपराध के अनुपात में काफी कमी आयी है. बड़े -बड़े साइबर क्रिमिनलों को आज देश के विभिन्न प्रांतों की पुलिस देवघर से रिमांड पर ले गयी है. इस वजह से साइबर अपराधियों पर प्रभाव पड़ा है. मगर अपराध को जड़ से खात्मे के लिए संसाधनों की आवश्यकता है. साइबर पुलिस की अपनी फोरेंसिक लैब होनी चाहिए. चीफ टेक्निकल ऑफिसर नियुक्त होने चाहिए. साइबर पुलिस के अपने स्पेशलाइज्ड एपीपी (लॉयर) होने चाहिए. जो अपने पक्ष को सही तरीके से रख सकें. इन सबके अलावा जरूरी मैन फोर्स की भी जरूरत है. ताकि साइबर पुलिस का मनोबल बढ़ सके.

सुमित प्रसाद, साइबर डीएसपी

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