26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Success Story: कभी बेचते थे चूड़ी, सिविल सर्विस की तैयारी के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी फिर बन गये IAS

Success Story of Ramesh Gholap: डीसी रमेश घोलप ने आईएएस की तैयारी के लिए सरकारी शिक्षक की नौकरी छोड़ दी थी. उन्होंने अपने घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए मां के साथ सड़कों पर चूड़ियां भी बेची.

चतरा : झारखंड के आईएएस अधिकारी रमेश घोलप की गिनती झारखंड के तेज तर्रार आईएएस अधिकारियों में होती है. आज वे चतरा के डीसी हैं. वे सोशल मीडिया पर भी खासा सक्रिय रहते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि उनका सविल सर्वेंट बनने का सफर आसान नहीं था. घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हें अपनी मां और भाई के साथ सड़कों पर चूड़ी बेचना पड़ा. चूंकि उनकी मां शिक्षा के महत्व को जानती थी इसलिए वे उन्हें हमेशा पढ़ाई पर ध्यान देने को कहती थी. इसका खुलासा खुद रमेश घोलप ने प्रभात खबर से बातचीत में किया था.

साइकिल रिपयेरिंग का काम करते डीसी रमेश घोलप के पिता

डीसी रमेश घोलप ने उस इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता साइकिल रिपयेरिंग का काम करते थे. चंकि उन्हें शराब पीने की भी लत थी इसलिए हमेशा घर में आर्थिक बनी रहती थी. इस वजह से मां ने चूड़ी बेचने का काम शुरू कर दिया. मां हमेशा कहती थी कि अच्छी शिक्षा से हम अपनी तकदीर बदल सकते हैं.

Prabhat Khabar Premium Story: झारखंड में परीक्षाओं में धांधली को लेकर केंद्र से भी सख्त कानून, फिर भी थमने का नाम नहीं ले रहे पेपर लीक के मामले

ओपन यूनिवर्सिटी से ली स्नातक की डिग्री

रमेश घोलप इस इंटरव्यू में आगे बताते हैं कि घर की स्थिति को सुधारने के लिए वे और उनके भाई भी 10 वीं के बाद अपनी मां के साथ चूड़ी बेचने लगे थे. हालांकि उनकी मां हमेशा उन दोनों को इसके लिए मना करती थी. 12वीं के बाद उन्होंने डीएड का कोर्स किया. इसके बाद ओपन यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली. इसके बाद उन्हें एक सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी मिल गयी. इससे उनकी मां बहुत खुश हुई. उन्हें लगने लगा था कि उनके घर की हालत अब सुधर जाएगी. लेकिन 6 माह बाद ही इस नौकरी से उनका मन भर गया.

टीचर की नौकरी छोड़ सिविल सर्विस की तैयारी में जुटे

आईएएस अधिकारी रमेश घोलप इसके बाद टीचर की नौकरी छोड़ सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गये. उस वक्त उनकी मां को इस फैसले से दुख तो हुआ लेकिन इसके बावजूद वह हमेशा उनका समर्थन करती थी. साल 2012 में उनकी मेहनत रंग लायी और उन्होंने महाराष्ट्र सिविल सर्विस में टॉप किया. साथ यूपीएससी की परीक्षा में 287वीं रैंक हासिल किया.

Also Read: Success Story: मां करती थी दिहाड़ी मजदूरी, बेटा बन गया IAS अफसर

झारखंड की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें