प्रतिनिधि, हंटरगंज केंद्र सरकार की बहुप्रचारित और महत्वाकांक्षी हर घर नल जल योजना प्रखंड क्षेत्र में दम तोड़ती नजर आ रही है. योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. दो वर्षों पूर्व कई पंचायतों में जलमीनार तो बना दिये गये, लेकिन अब तक उनमें पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. ख़ुटीकेवालखुर्द पंचायत के मुख्य बाजार टोला समेत कई इलाकों में जलमीनार महज शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. न तो स्टार्टर लगाया गया और न ही घर-घर पाइपलाइन बिछायी गयी. इससे गर्मी की दस्तक के साथ ही ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. जलमीनार बना हाथी का दांत, न पाइप, न पानी स्थानीय ग्रामीण चितरंजन प्रसाद गुप्ता, संगीता देवी, बिहारी प्रसाद गुप्ता समेत अन्य ने बताया कि गर्मी में उन्हें इधर-उधर भटककर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है. जलमीनार से एक बूंद पानी न मिल पाने के कारण उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं. क्षेत्र में जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है, जिससे चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. कुछ चापाकल तो पूरी तरह सूख चुके हैं, जबकि बाकी जल्द ही उसी स्थिति में पहुंच सकते हैं. ऐसे में लोगों के समक्ष गंभीर जल संकट खड़ा हो गया है. पंचायत मुखिया ने जतायी नाराजगी ख़ुटीकेवालखुर्द पंचायत के मुखिया बृजकिशोर सिंह ने विभाग और संवेदक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जलमीनार निर्माण के बाद दो वर्षों से पेयजल आपूर्ति शुरू कराने की मांग कई बार की गयी, लेकिन संबंधित पदाधिकारियों ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि यह योजना कागज पर तो सफल है, लेकिन जमीन पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीणों को गर्मी के मौसम में पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है.
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