चतरा. हजरत मौलाना जुल्फिकार साहब मूल रूप से भागलपुर के निवासी थी़ वे 1964 ई में चतरा आकर बसे थे़ चतरा में धर्म संगत के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन समर्पित कर दिया़ वे उच्च कोटि के सूफी संत थे़ उन्होंने आध्यात्मिक, निष्ठा, समर्पण, विश्वबंधुत्व, शांति व अमन-चैन का पैगाम दिया़ उनका मुख्य उद्देश्य ईश्वर की सृष्टि को पूर्ण करना व दीन-दुखी की सेवा करना था़ वे काफी मिलनसार, मृदुभाषी, कुशल धर्म विशेषज्ञ व प्रचारक थे़ उनके मुरीदों की संख्या लाखों में है़ चतरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ इफ्तेखार आलम ने हजरत मौलाना के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की़ उन्होंने बताया कि झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडि़शा आदि राज्यों में धर्म तबलिबी जमायत में उनका काफी योगदान रहा है़ चतरा के रहमत नगर खानका रोड में उनका अपना मकान है़
हजरत मौलाना 1964 में आये थे चतरा
चतरा. हजरत मौलाना जुल्फिकार साहब मूल रूप से भागलपुर के निवासी थी़ वे 1964 ई में चतरा आकर बसे थे़ चतरा में धर्म संगत के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन समर्पित कर दिया़ वे उच्च कोटि के सूफी संत थे़ उन्होंने आध्यात्मिक, निष्ठा, समर्पण, विश्वबंधुत्व, शांति व अमन-चैन का पैगाम दिया़ उनका मुख्य उद्देश्य ईश्वर की […]
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