चाईबासा. झांसा देकर दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी मामले में दोषी करार जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा को प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने मंगलवार को सजा सुनायी. कोर्ट ने अभियुक्त को 10 साल की कठोर सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. अभियुक्त जॉन मिरन मुंडा झींकपानी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य और झारखंड जनरल कामगार यूनियन व आदिवासी किसान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष है. कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर पांच जुलाई को दोषी करार दिया था.
पीड़िता के बयान पर 2022 में दर्ज हुआ था केस :
पीड़िता के बयान पर 21 जून, 2022 को मनोहरपुर थाना में मामला दर्ज हुआ था. बताया कि 12 फरवरी, 2022 की सुबह करीब 9 बजे आरोपी ने फोन किया. उसने मुझे घर से बाहर निकलने को कहा. मैं बाहर निकली, तो वह अपनी कार में बैठाकर गोइलकेरा ले गया. वहां से मनोहरपुर ले गया. मेरी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाया.राजनीति सिखाने व पार्टी में बड़ा पद देने का झांसा दिया:
अभियुक्त ने राजनीति सिखाने और पार्टी में बड़ा पद देने का झांसा दिया. वहीं, प्रज्ञा केंद्र खोलवाने की बात कहकर शारीरिक संबंध बनाता रहा. प्रज्ञा केंद्र खोलवाने के नाम पर नकद 50 हजार रुपये लिये. वह गर्भवती हो गयी, तो प्रज्ञा केंद्र खोलवाने के बाद शादी का आश्वासन दिया. उसे दवा खिलाकर गर्भपात करवा दिया. वह शादी करने का दबाव देने लगी, तो जंगल में ले जाकर जान से मारने की धमकी दी.पड़ोसी पर मारपीट का केस
मुफस्सिल थाना के पुराना चाईबासा निवासी हरीश देवगम ने उसी गांव के कुंबडु देवगम के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया है. 7 जुलाई को दर्ज मामले में घायल हरीश देवगम ने बताया है कि वह 14 जून की रात करीब आठ बजे खाना खाकर आंगन में हाथ धो रहा था. इसी दौरान कुंबडु देवगम ने रॉड से सिर पर प्रहार कर दिया. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया. हल्ला सुनकर जब उसकी भतीजी पालो देवगम बीच-बचाव करने पहुंची, तो उसके सिर पर भी रॉड से प्रहार कर घायल कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

