बंदगांव.
कुड़मी समाज की मांग के विरोध में आदिवासी सामाजिक संगठनों ने सोमवार को बंदगांव में प्रतिकार आक्रोश रैली निकाली. इसमें हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए. बंदगांव बाजार से ब्लॉक तक रैली निकाली गयी. सभा की अध्यक्षता आदिवासी समन्वय समिति के अध्यक्ष करम सिंह मुंडरी ने की. संचालन उपाध्यक्ष जादोराय मुंडरी ने किया.
इस मौके पर खूंटी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रभात मुंडा ने कहा कि बाहरी पूंजीपतियों के इशारे पर कुड़मी समाज के तथाकथित नेताओं द्वारा राजनीतिक लाभ लेने के लिए कुड़मी समाज के लोगों को भटका रहे हैं. इससे झारखंड का सौहार्द्र बिगड़ रहा है. पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि हम आदिवासियों को भारत में अपनी विशिष्ट पहचान और समन्वय बनाने की जरूरत है. अब जरूरत आ गयी है कि अपने हक एवं अधिकार के लिए आदिवासी समाज को लड़ना होगा. अपना अधिकार किसी को नहीं देना है. जिप सदस्य जसफीन हमसाय ने कहा कि आदिवासियों का हक और अधिकार केवल सामाजिक आंदोलन से ही बचाया जा सकता है.
केंद्रीय सरना समाज के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि झारखंडी एकता को तोड़ने के लिए कुड़मी समाज को मोहरा बनाया जा रहा है. मुखिया करम मुंडरी ने कहा आदिवासी संगठन अपनी पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की जरूरत है. इस मौके पर बुधुवा मुंडा, निर्मल मुंडा, चंद्र प्रभात मुंडा, करम सिंह मुंडरी, जादोराय मुंडरी, निर्मल हपदगाड़ा, लादु हेस्सा, प्रेमसिंह मुंडरी, मार्शल तोपनो, लक्ष्मी नारायण मुंडा, दुर्गावती ओडेया, नंदू मुंडरी, रवि मुंडरी, नरेश बानरा, बलराम हेम्ब्रम, राम बोदरा समेत हजारों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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