चाईबासा. पश्चिमी सिंहभूम जिला में कार्यरत खुदरा व थोक उर्वरक विक्रेताओं के साथ एटीएम व बीटीएम को इफको की ओर से प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी अमरजीत कुजूर, जगन्नाथपुर के वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ संजय साथी व राज्य विपणन प्रबंधक डॉ शशि भूषण समदर्शी कृषि विभाग के अधिकारी सचिन कुमार, मुकेश कुमार इफको उर्वरक के डिस्ट्रीब्यूटर ने अपनी सहभागिता निभायी. प्रशिक्षण में इफको के महाप्रबंधक चंदन कुमार ने खरीफ मौसम में धान व अन्य फसलों की खेती के लिए उर्वरक प्रबंधन पर चर्चा करते हुए संकर व उन्नत प्रजाति के बीजों का बिचड़ा में जमाव अच्छी तरह से होने के लिए इफको नैनो डीएपी से शोधन करने के बारे में जानकारी दी. कहा कि प्रति किलो 5 मिली नैनो डीएपी को आवश्यकतानुसार पानी में मिलाकर बीज को 20 से 30 मिनट तक छाए में रखना है. फिर शोधित बीज को तैयार नर्सरी में गिरा देना है. यदि धान के बीज का शोधन नहीं कर पाए हैं, तो तैयार बिचड़ा को रोपाई के समय नैनो डीएपी के 5 मिली प्रति लीटर पानी के घोल में 20 मिनट तक डुबोकर रोपाई कर देने से फसल को उसके जड़ तंत्र में सीधे रूप से नैनो डीएपी का समावेश हो जाता है. वहीं इफको के राज्य विपणन प्रबंधक डॉ शशि भूषण समदर्शी ने उपस्थित प्रतिभागियों को टिकाऊ खेती में नैनो उर्वरकों के प्रयोग एवं लाभ पर चर्चा की और इनके प्रयोग के लिए किसानों के बीच में प्रचार प्रसार और प्रोत्साहित करने का आह्वान भी किया. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी इस मौसम में किसानों को समस्त उत्पादन सही समय पर उपलब्ध कराएं. सभी नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का भी प्रयोग किसानों को प्रोत्साहित कर कराएं. धन्यवाद ज्ञापन इफको के नव नियुक्त पदाधिकारी सुशील कुमार ने किया गया.
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