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चाईबासा जेल ब्रेक मामले में फरार नक्सली गोइंदा ने ओड़िशा में किया सरेंडर, झारखंड CID ने कोर्ट में किया पेश

Jharkhand News (चाईबासा) : वर्ष 2014 में चाईबासा जेल ब्रेक का आरोपी नक्सली गोइंदा गागराई उर्फ रणवीर पात्रो उर्फ बणे उर्फ सोमाय पात्रो ने झारखंड CID के समक्ष सरेंडर किया. गोइंदा ने बुधवार (24 मार्च, 2021) को ओड़िसा में सरेंडर किया है. सरेंडर करने के बाद गुरुवार (25 मार्च, 2021) को झारखंड CID ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate), चाईबासा के समक्ष पेश किया. जहां कोर्ट ने नक्सली गोइंदा को जेल भेज दिया है. गोइंदा ओड़िसा के सुंदरगढ़ जिले के नोनीपाड़ा थानांतर्गत सलाईपाली गांव का रहने वाला है.

Jharkhand News (चाईबासा) : वर्ष 2014 में चाईबासा जेल ब्रेक का आरोपी नक्सली गोइंदा गागराई उर्फ रणवीर पात्रो उर्फ बणे उर्फ सोमाय पात्रो ने झारखंड CID के समक्ष सरेंडर किया. गोइंदा ने बुधवार (24 मार्च, 2021) को ओड़िसा में सरेंडर किया है. सरेंडर करने के बाद गुरुवार (25 मार्च, 2021) को झारखंड CID ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate), चाईबासा के समक्ष पेश किया. जहां कोर्ट ने नक्सली गोइंदा को जेल भेज दिया है. गोइंदा ओड़िसा के सुंदरगढ़ जिले के नोनीपाड़ा थानांतर्गत सलाईपाली गांव का रहने वाला है.

बता दें कि गत 9 दिसंबर, 2014 को चाईबासा में जेल ब्रेक हुआ था. इस जेल ब्रेक मामले में गोइंदा आरोपी है. इससे पहले नक्सली गोइंदा अपनी पत्नी कांडुलना के साथ सरेंडर किया था. लेकिन, उसके कुछ समय बाद ही नक्सली गोइंदा जेल ब्रेक कर फरार हो गया था. फरार नक्सली भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर अनमोल दा के दस्ता का सक्रिय सदस्य था. गोइंदा पर पुलिस ने एक लाख का इनाम भी रखा था.

कैसे हुआ था चाईबासा में जेल ब्रेक

वर्ष 2014 में कोर्ट में पेशी के बाद नक्सलियों को जेल लाया गया था. इस दौरान नक्सलियों ने जेल के जवानों पर मिर्ची पाउडर फेंक दिया था. इसके बाद जवानों ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें 2 नक्सली मौके पर ही ढेर हो गये थे. वहीं, नक्सलियों द्वारा हमला भी किया गया था, जिसमें 2 जवान गंभीर रूप से घायल हो गये थे.

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इधर, चाईबासा जेल ब्रेक के आरोपी गोइंदा पर विभिन्न थाने में कई मामले दर्ज हैं. वहीं, उसकी पत्नी शांति के खिलाफ भी मामला दर्ज है. चाईबासा जेल ब्रेक से पहले सरेंडर करने के दोनों पति- पत्नी को आत्मसमर्पण नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की राशि भी सौंपी गयी है. वहीं, शेष राशि दोनों नक्सलियों को परिजनों को दी जानी थी, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही गोइंदा ने जेल ब्रेक कर फरार हो गया था.

Posted By : Samir Ranjan.

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