जैंतगढ़. 25 दिनों से क्षेत्र में बारिश का सिलसिला जारी है. आलम ये है कि एक घंटा भी आसमान साफ नहीं रह रहा है. इधर, अतिवृष्टि वरदान की जगह अभिशाप साबित हो रही है. खेतों में धान, मकई के पौधे सड़ने लगे हैं. वहीं, बागानों में सब्जियां सड़ रही हैं. सबसे अधिक नुकसान सब्जियों का हुआ है. कुछ किसानों ने अपने उत्पाद को मौसम की बेरुखी के कारण कम दाम में बेच दिया. बाकी किसानों की सब्जियां सड़ने के कगार पर हैं.
किसानों ने सुनायी व्यथा
गुमुरिया निवासी परेश प्रधान के बागान में बैगन, टमाटर, परवल व झींगी चौपट हो गयी है. परेश को लगभग 30 हजार रुपये का नुकसान हुआ है. लखीपई निवासी जमादार मुंडा के 20 डिसमिल में टमाटर, मिर्च, मूली व बैगन को नुकसान पहुंचा है. इचिंडा निवासी प्रदीप गिरि के 15 डिसमिल में लगी भिंडी, टमाटर आदि बर्बाद हो गये हैं. कुदाहातु निवासी शंकर तिरिया के खेत में लगी बैगन, भिंडी और परवल में कीड़े लग गये हैं.बंगाल व ओडिशा से मंगायी जा रही सब्जियां:
भारतीय किसान संघ के प्रखंड अध्यक्ष पूर्णचंद्र पिंगुवा ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. क्षेत्र से सब्जियां गायब हो गयी हैं. बंगाल और ओडिशा से सब्जियां मंगायी जा रही हैं. किसानों ने प्रशासन से मुआवजा की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

