गुवा. किरीबुरु सामुदायिक केंद्र में सोमवार की शाम संयुक्त यूनियन की विशेष बैठक हुई. इसमें किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाये गये. बैठक की अध्यक्षता झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु के महामंत्री राजेंद्र सिंधिया ने की. मौके पर झारखंड मजदूर यूनियन से अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह, राजीव शर्मा, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन ( चौबे ग्रुप ) से विद्युत सरकार व अन्य सदस्य शामिल रहे. दिवंगत रंजन कुमार दास के असमय निधन पर दुःख प्रकट कर दो मिनट का मौन धारण किया गया. बैठक में सभी ने एक मत से स्वीकार किया कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा नहीं के बराबर रह गयी है. सही वक्त पर सही इलाज मिलने में मुश्किल हो रही है. डॉक्टरों व मशीनों की कमी के कारण सही इलाज नहीं हो पाता है. रंजन दास जैसे मरीजों को इसी कारण से जान गंवानी पड़ी. ऐसी घटना दुबारा नहीं होनी चाहिए. अस्पताल प्रबंधन तुरंत संज्ञान में ले. किरीबुरु खदान में कार्यरत सभी ट्रेड यूनियन ने अस्पताल को लेकर कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया. कहा गया कि एमआइ केस व मेडिकल रेफर केस को रिव्यू करने का समय आ गया है. सभी ने इस मुद्दे को हर प्लांट में उठाने पर सहमति जतायी. वहीं, कर्मचारियों को एकत्र कर लड़ाई लड़ने की आग्रह किया गया.
”मजदूरों की समस्याओं का 15 दिनों हल करे कंपनी”
झारखंड मजदूर यूनियन ने मंगलवार को अध्यक्ष दीनबंधु पात्रो की अध्यक्षता में बैठक की. मौके पर यूनियन के महासचिव दुलाल चाम्पिया, कार्यकारिणी सदस्य मधु सिद्धू , लखन चाम्पिया, सुखराम सिंद्दू, बागी चाम्पिया, साधो देवगम पंकज चाम्पिया और ठेका मजदूर शामिल रहे. ठेका मजदूरों ने टाटा स्टील लिमिटेड विजय टू आयरन ओर माइंस के वेंडरों पर शोषण का आरोप लगाया. मजदूरों ने अपनी समस्याओं को यूनियन के समक्ष रखा. झारखंड मजदूरी यूनियन के अध्यक्ष दीनबंधु पात्रो ने कहा कि कंपनी ठेका मजदूरों को हक दे. उषा मार्टिन से टाटा स्टील लिमिटेड में स्थानांतरित 45 मजदूरों का आज तक 2008 से 2013 तक ग्रेजुएट पेमेंट नहीं मिला है. मजदूरों को अविलंब भुगतान की मांग की गयी. बैठक में कहा गया कि समस्याओं का समाधान 15 दिनों के अंदर नहीं होने पर यूनियन आंदोलन को बाध्य होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

