चाईबासा (अभिषेक पीयूष) : झारखंड के 24 जिलों में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीइआइसी) खोला जायेगा. पहले चरण में जमशेदपुर, देवघर, रांची, खूंटी, पलामू, चाईबासा और हजारीबाग में इसकी शुरुआत होगी. कोरोना से पूर्व नेशनल हेल्थ मिशन अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के आला अधिकारियों के साथ बैठक में झारखंड के नोडल ऑफिसर ने कुल 24 जिलों में डीइआइसी सेंटर बनाने का प्रस्ताव रखा था. इसमें 12 जिलों में डीइआइसी सेंटर निर्माण की पहली स्वीकृति राष्ट्रीय स्तर से प्रदान कर दी गयी है.
झारखंड में आरबीएसके के अंतर्गत करीब 650 से अधिक मेडिकल ऑफिसर (एमओ) कार्यरत हैं. वर्तमान में सभी मेडिकल ऑफिसर विभिन्न जिलों के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले 0-6 तथा स्कूलों में अध्ययनरत 6-12 आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग व स्क्रीनिंग आदि का कार्य कर रहे हैं. सभी चिह्नत बच्चों को एमओ द्वारा डीइआइसी सेंटर बनने के बाद वहां लाया जायेगा. यहां नवजात बच्चों में होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे (पैर टेढ़ा होना, मानसिक कमजोरी, शारीरिक कमजोरी, बच्चों का देर से रोना, बोलने में परेशानी होना, जन्म से कमजोर होना, कान, आंख, दांत, मस्तिष्क, दिव्यांगता) आदि की बीमारी से पीड़ितों का उपचार किया जायेगा. अभी तक जिले के किसी सरकारी अस्पताल में बच्चों से संबंधित इसकी सुविधा नहीं है, जिसके कारण बाल मरीजों को निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है. वहीं जिन मरीजों का यहां इलाज संभव नहीं होगा, उन्हें जिले के बड़े सरकारी और उच्च कोटि के प्राइवेट अस्पतालों में भेजा जायेगा.
झारखंड में विभिन्न जिलों में बनने वाले डिस्ट्रीक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में पीडियाट्रिशियन समेत मेडिकल ऑफिसर, फिजियोथेरेपिस्ट, इएनटी स्पेशलिस्ट, साइकेट्रिस्ट, क्लिनिकल फिजियोलॉजिस्ट, ऑपथलमॉलजिस्ट, पेडियाट्रिक्स ऑप्टोमेट्रिस्ट, आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, पेडियाट्रिक्स ऑडियोलॉजिस्ट एंड स्पीच पैथोलॉजिस्ट, स्पेशल एडुकेटर, लैब टेक्नीशियन, डेंटल टेक्नीशियन, काउंसलर समेत न्यूट्रीशियनिस्ट एवं पेडियाट्रिक्स ट्रेंड फॉर एसएचओ स्मॉल चिल्ड्रन, दो स्टाफ्स नर्स, मैनेजर, डेटा एंट्री ऑपरेटर व साफ-सफाई के लिए ग्रुप डी कर्मियों की बहाली की जायेगी.
केंद्र में छोटे बच्चों के लिए आंख, कान, नाक व दांतों की ओपीडी होगी. इसमें बाल रोग विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे, जो बीमारियों की जांच और इलाज करेंगे. इसमें फिजियोथेरेपिस्ट, साइकोलॉजिस्ट के साथ न्यूट्रीशियन, मेडिकल ऑफिसर और स्पीच थेरेपिस्ट की भी सुविधा होगी. केंद्र में बच्चों को भर्ती की सुविधा नहीं होगी. गंभीर बच्चों को रेफर किया जायेगा, जिसका पूरा खर्च सरकार उठायेगी.
सेकेंड फेज में बाकी जिलों में भी इसे तैयार कराने को कहा गया है. इसे लेकर राज्य आरबीएसके के नोडल ऑफिसर ने सभी 24 जिलों के उपायुक्त समेत सिविल सर्जन को पत्र भेजकर बिल्डिंग नहीं होने की स्थिति पर जमीन उपलब्ध करने को कहा है. राज्य आरबीएसके पास अभी डीइआइसी के संचालन के लिए 6 करोड़ का फंड है. झारखंड के आरबीएसके नोडल ऑफिसर उमेश चंद्र सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के 24 जिलों में डीइआइसी बनाने का प्रस्ताव रखा था. अभी राज्य भर के 12 जिलों में डीइआइसी बनाने की स्वीकृति दी गयी है. प्रथम चरण में 6 जिलों में इसे तैयार कर कार्य शुरू किया जायेगा. जमशेदपुर व देवघर में डीइआइसी का भवन बन गया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra