गुवा.सारंडा की छोटानागरा पंचायत स्थित जोजोगुटु गांव में शुक्रवार को ग्रामीणों की बैठक हुई. इसमें राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, मुखिया मुन्नी देवगम और राजेश सांडिल समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए. यहां बताया गया कि सारंडा के छोटानागरा पंचायत के जोजोगुटु, बाईहातु, राजाबेड़ा सहित कई गांवों के लोग गुवा खदान प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की तैयारी में हैं.
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि गुवा खदान से रानी चुआं पहाड़ी पर लगातार डंप की जा रही मिट्टी, लौह पत्थर और अयस्क के कारण क्षेत्र के किसान, जल स्रोत और पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. खदान प्रबंधन पिछले कई वर्षों से झूठे आश्वासन देता आ रहा है, लेकिन अब वे आंदोलन कर उत्पादन ठप करने की दिशा में कदम उठाने को मजबूर हो गये हैं. उन्होंने मांग किया कि रानी चुआं पहाड़ी पर आरसीसी गार्डवाल और चेकडैम का निर्माण जल्द किया जाये.नदी की गहराई धीरे-धीरे खत्म हो रही
ग्रामीणों ने कहा गुवा खदान से निकलने वाला मलबा और पत्थर नजदीकी कोयना नदी में जमा हो रहा है, जिससे नदी की गहराई धीरे-धीरे खत्म हो रही है. इसका सीधा असर जल प्रवाह और जल संग्रहण पर पड़ रहा है. पहले जहां इस नदी का पानी पूरे साल बहता था, अब गर्मियों में यह पूरी तरह सूख जाता है. वन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों को कई बार इस बारे में जानकारी दी गयी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. अगर यह स्थिति बनी रही, तो आने वाले वर्षों में जंगल और आसपास के क्षेत्र का पर्यावरण पूरी तरह नष्ट हो सकता है.गुवा प्रबंधन 5-6 वर्षों से झूठे आश्वासन दे रहा
मुखिया मुन्नी गुड़िया और मुंडा जामदेव चाम्पिया ने कहा कि गुवा प्रबंधन पिछले 5-6 वर्षों से झूठे आश्वासन दे रहा है कि करोड़ों की लागत से आरसीसी चेकडैम बनाया जायेगा. लेकिन आज तक इसका कोई काम शुरू नहीं हुआ. इसके अलावा, प्रभावित गांवों के शिक्षित, बेरोजगार युवाओं को खदान में रोजगार देने की बात भी कही गयी थी, लेकिन अब तक किसी को नौकरी नहीं दी गयी है. जल्द ही एक बड़ी बैठक आयोजित कर सभी प्रभावित गांवों के ग्रामीण एकजुट होंगे और सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है