चक्रधरपुर. चक्रधरपुर रेल मंडल में चक्रधरपुर से टाटानगर के बीच यात्री रेल सेवाएं पिछले कई माह से गंभीर रूप से प्रभावित हैं. ट्रेनों का घंटों देर से चलने के कारण छात्र, मजदूर और रोजाना यात्रा करने वाले लोग भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं. चक्रधरपुर से टाटानगर की दूरी 61 किलोमीटर है. सामान्य दिनों में पहुंचने में सुपरफास्ट ट्रेनों को लगभग 50 मिनट, एक्सप्रेस को लगभग एक घंटा और पैसेंजर ट्रेन को डेढ़ घंटे लगते थे. वहीं, वर्तमान में यही दूरी तय करने में 4 से 6 घंटे तक का समय लग रहा है. यह यात्रियों को हताश कर रही है. स्थिति ऐसी है कि लोग रेल यात्रा से दूरी बनाने लगे हैं. यात्रियों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है. बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को भारी असुविधा हो रही है. रेलवे प्रशासन के मुताबिक, ट्रेनों के विलंब का कारण विभिन्न सेक्शनों पर चल रहे तकनीकी कार्य और मौसम संबंधी दिक्कतें हैं. वहीं, यात्रियों का कहना है कि रेलवे समय रहते समुचित व्यवस्था नहीं कर रही है, जिससे बार-बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है.
दो ट्रेनों के सहारे यात्रा करने वालों की मुश्किलें दोगुनी हुईं :
यात्रियों का कहना है कि प्लेटफॉर्म पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. स्टेशन पर कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिल रही है. वहीं, समय पर ट्रेन संचालन की कोई गारंटी भी नहीं है. सुधार की रफ्तार बेहद धीमी नजर आ रही है. सबसे अधिक परेशानी उन यात्रियों को होती है, जो एक ट्रेन से उतरकर दूसरी ट्रेन में चढ़ने के लिए टिकट करवाते हैं. ऐसे में उनकी यात्रा कष्टकारक हो जाती है.मालगाड़ियों को तरजीह देने से बढ़ा संकट
रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस मार्ग पर अत्यधिक माल संचालन और मालगाड़ियों को प्राथमिकता दिये जाने के कारण यात्री गाड़ियों को लगातार सिग्नल पर रोककर चलाया जा रहा है. देश की आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले इस रूट से बहुत अधिक माल धुलाई हो रही है, जिसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है.छात्रों और मजदूरों पर बड़ा असर
कई विद्यार्थी चक्रधरपुर से जमशेदपुर पढ़ाई करने जाते हैं. उन्होंने कॉलेज जाना छोड़ दिया है या किराया के वाहन का सहारा ले रहे हैं. दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूर भी समय पर काम स्थल तक नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे उनकी आमदनी घट गयी है.अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौन
यात्रियों का आरोप है कि रेलवे प्रशासन चुप है. जनप्रतिनिधि व राजनेता आवाज नहीं उठा रहे हैं. कहीं से भी इस समस्या को हल करने की कोशिश होती नजर नहीं आ रही है. यात्री कहते हैं कि वे मजबूरी में यात्रा कर रहे हैं. रेलवे उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर दोहन कर रही है.निजी वाहनों की ओर बढ़ रहा झुकाव
सुविधा संपन्न यात्री अब निजी वाहनों, टैक्सी, किराये की गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे डेढ़ से दो घंटे में आसानी से जमशेदपुर पहुंच जा रहे हैं. लोग कहते हैं कि अब ट्रेन से यात्रा करने से पहले 100 बार सोचना पड़ता है.यात्रियों की मांग, कहा- तुरंत समाधान, नहीं तो विरोध-प्रदर्शन
यात्री संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो विरोध-प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपने, रेल रोको आंदोलन जैसे कदम उठाने पर विचार किया जायेगा. यात्रियों की पीड़ा लगातार बढ़ती जा रही है. यात्रियों की उपेक्षा कब तक होती रहेगी. क्या रेल प्रशासन इस समस्या का समयबद्ध समाधान करेगा या यात्रियों की मजबूरी और लंबी होती यात्रा यूं ही जारी रहेगी.2 दिसंबर, 2025 को चक्रधरपुर से टाटानगर (61 किमी) के बीच ट्रेनों की स्थिति
क्रमट्रेन संख्या ट्रेन का नामचक्रधरपुर से खुली टाटा पहुंची कुल समय112809मुंबई मेल05:00 सुबह09:26 सुबह4 घंटा 26 मिनट
218190 एर्नाकुलम–टाटा एक्सप्रेस04:28 सुबह09:28 सुबह5 घंटा318114टाटा एक्सप्रेस08:20 सुबह01:22 दोपहर5 घंटा 2 मिनट
418029शालीमार एक्सप्रेस07:06 सुबह11:01 सुबहकरीब 4 घंटा568010 चक्रधरपुर–टाटा लोकल06:24 सुबह09:46 सुबह3 घंटा 30 मिनट
612859गीतांजलि एक्सप्रेस09:58 सुबह01:32 दोपहर3 घंटा 30 मिनट712833 अहमदाबाद–हावड़ा सुपर10:36 सुबह02:21 दोपहरकरीब 4 घंटे
818478उत्कल एक्सप्रेस06:30 शाम10:00 रात4 घंटे913287साउथ बिहार एक्सप्रेस07:58 शाम11:58 रात4 घंटे
1012101ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस01:59 रात03:32 रात1 घंटा 33 मिनट1112129आजाद हिंद एक्सप्रेस06:18 सुबह10:09 सुबह4 घंटे
1218005 समलेश्वरी एक्सप्रेस01:44 रात03:39 रात1 घंटा 55 मिनटडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

