सिंक्रेानाइज के बाद शाम छह बजे यूनिट से 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया. इसके पूर्व 11 नवंबर की मध्य रात्रि से बंद यूनिट को मंगलवार की सुबह लगभग छह बजे सारी तैयारियों के बाद लाईट अप किया गया.
यूनिट बंद रहने से डीवीसी को 75 करोड़ का नुकसान
बताते चलें कि विगत 11 नंवबर की रात्रि से यूनिट बंद थी. इसके कारण डीवीसी को प्रतिदिन पांच से छह करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था. डीवीसी के एचओपी सुशील कुमार अरजरिया ने बताया कि यूनिट बंद रहने के कारण डीवीसी को 75 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. इसके अलावा पंजाब, दिल्ली और झारखंड को सप्लाई होनेवाली बिजली को लेकर पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत डीवीसी को बिजली खरीदकर सप्लाई करनी पड़ी, इसका नुकसान डीवीसी को अलग से उठाना पड़ा.
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